Trending
Monday, 2024 December 02
नैना देवी मंदिर: आंखो से जुड़ी सारी बीमारी यहाँ ठीक हो जाती है।
Updates / 2024/09/20

नैना देवी मंदिर: आंखो से जुड़ी सारी बीमारी यहाँ ठीक हो जाती है।

20 September 2024, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। इस पवित्र स्थल का धार्मिक और पौराणिक महत्व असीम है, जिससे यह तीर्थ यात्रियों और भक्तों के बीच विशेष स्थान रखता है। यहां देवी सती के नेत्र गिरने की कथा जुड़ी हुई है, जिसके कारण इसे 'नैना देवी' कहा जाता है।

नैना देवी मंदिर का पौराणिक इतिहास

नैना देवी मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। हिन्दू धर्म के अनुसार, सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव उनका शव लेकर तांडव कर रहे थे। इसे देखकर भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से खंडित कर दिया। जहां-जहां सती के शरीर के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठों का निर्माण हुआ। नैना देवी मंदिर उस स्थान पर बना है, जहां सती के नेत्र गिरे थे। इसीलिए इसे नैना देवी के नाम से जाना जाता है।

आंखो से जुड़ी सारी बीमारी यहाँ ठीक हो जाती है।

नैना देवी मंदिर का महत्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आस्था और शक्ति के प्रतीक के रूप में भी है। यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जो मां नैना देवी से अपने दुखों और कष्टों का निवारण चाहते हैं। हर साल लाखों भक्त नैना देवी के दर्शन के लिए यहां आते हैं। यहां मां को विशेष रूप से 'नेत्रों की देवी' के रूप में पूजा जाता है।

इस मंदिर से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हैं. स्थानीय लोगों के साथ ही देश-विदेश से घूमने आने वाले पर्यटक भी मां का आशीर्वाद लेने जरूर आते हैं. नयना देवी मंदिर के अंदर नैना देवी मां के दो नेत्र बने हुए हैं. यहां नैना देवी को देवी पार्वती का रूप माना जाता है और इसी कारण उन्हें नंदा देवी भी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां देवी के दर्शन मात्र से ही लोगों की नेत्र से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं. लोग यहां आकर नेत्र संबंधी रोगों को दूर करने के लिए मन्नत मांगते हैं 



कैसे जाये नैना देवी मंदिर 

नैना देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले तक आना पड़ता है। नैना देवी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ है, जहां से टैक्सी या बस द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यहां तक पैदल मार्ग भी उपलब्ध है और मंदिर के पास रोपवे की सुविधा भी है, जिससे तीर्थयात्री मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

नैना देवी मंदिर में उत्सव

नैना देवी मंदिर में नवरात्रि के दौरान भव्य उत्सव मनाए जाते हैं। इस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन के लिए यहां आते हैं। मंदिर परिसर में हर रोज विशेष पूजा, आरती और भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस समय मंदिर की सजावट और माहौल अद्भुत होता है, जो श्रद्धालुओं के दिलों में भक्तिभाव भर देता है।



नैना देवी मंदिर में सुविधाएं

मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मंदिर के निकट धर्मशालाएं और होटलों की व्यवस्था की गई है। साथ ही, मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे बुजुर्ग और असहाय व्यक्ति आसानी से मंदिर तक पहुंच सकें।

नैना देवी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि यह आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यहां आकर हर भक्त मां नैना देवी से अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करता है। नैना देवी मंदिर की यात्रा किसी भी श्रद्धालु के जीवन में आध्यात्मिक शांति और सुखद अनुभवों से भर सकती है।

Tags- naina devi mandir, naina devi mandir history, naina devi mandir kaise jaaye, aankho se judi sar bimari yaha thik ho jati hai, travel tips


Frequently Asked Questions

नैना देवी मंदिर कहां स्थित है?
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है।
नैना देवी मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती के नेत्र गिरे थे, जिससे यह विशेष रूप से पवित्र माना जाता है।
नैना देवी मंदिर तक कैसे पहुंचें?
मंदिर तक पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ है और सड़क मार्ग द्वारा भी मंदिर पहुंचा जा सकता है।
नैना देवी मंदिर के दर्शन का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
जुलाई से सितंबर तक मंदिर में नवरात्रि उत्सव के दौरान यात्रा करना शुभ माना जाता है।
नैना देवी मंदिर की पौराणिक कथा क्या है?
ऐसा माना जाता है कि देवी सती के नेत्र इस स्थान पर गिरे थे, जिसके कारण इसे नैना देवी नाम दिया गया।

Tranding


HappyZindagi

contact@happyzindagi.com

© Happy Zindagi. All Rights Reserved.