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अनंत चतुर्दशी व्रत क्यों किया जाता है? जानिए और आप भी जरूर करे अपने परिवार के सुख और समृद्धि के लिए
Updates / 2024/09/14

अनंत चतुर्दशी व्रत क्यों किया जाता है? जानिए और आप भी जरूर करे अपने परिवार के सुख और समृद्धि के लिए

14 September 2024, अनंत चतुर्दशी: .अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 September 2024 किया जाएगा। अपने परिवार की वंश वृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को अनंत सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। अनंत चतुर्दशी का व्रत मुख्य रूप से सुख-शांति, संतान प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए रखा जाता है।



अनंत चतुर्दशी व्रत का धार्मिक महत्व
अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु के अनंत रूप को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अनंत काल तक शुभ फल प्राप्त होते हैं। पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन अनंत चतुर्दशी का व्रत करता है, उसके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां समाप्त हो जाती हैं और उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रतधारी सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करते हैं। पूजा विधि इस प्रकार है:

अनंत सूत्र की स्थापना:
पूजा के दौरान एक अनंत सूत्र (रक्षा धागा) को विशेष महत्व दिया जाता है। इस धागे को भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के समक्ष स्थापित किया जाता है। इसे हल्दी, कुंकुम और फूलों से सजाया जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा:
भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित किया जाता है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।


अनंत सूत्र बांधना:
पूजा समाप्त होने के बाद अनंत सूत्र को पुरुष दाएं हाथ और महिलाएं बाएं हाथ में बांधती हैं। यह अनंत सूत्र भगवान विष्णु के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

व्रत कथा का श्रवण:
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है। इस कथा में राजा सुत के जीवन में आए संकट और भगवान विष्णु द्वारा दिए गए अनंत सूत्र की महिमा का वर्णन किया गया है।

अनंत चतुर्दशी का व्रत क्यों करें?

सुख और समृद्धि:
अनंत चतुर्दशी व्रत करने से जीवन में अनंत सुख और समृद्धि आती है। यह व्रत व्यक्ति की सभी परेशानियों को दूर कर उसे सुखमय जीवन का वरदान देता है।

संतान प्राप्ति:
जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उनके लिए अनंत चतुर्दशी व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है।



पारिवारिक कलह का नाश:
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और पूजा करने से पारिवारिक जीवन में चल रही कलह समाप्त होती है और परिवार में शांति बनी रहती है।

आध्यात्मिक उन्नति:
इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है और उसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।

धार्मिक फल प्राप्ति:
अनंत चतुर्दशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत पापों के नाश का साधन माना जाता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा
अनंत चतुर्दशी की कथा के अनुसार, राजा सुत ने भगवान विष्णु की तपस्या करके अनंत सूत्र प्राप्त किया था। भगवान विष्णु ने उन्हें बताया कि जो भी व्यक्ति इस सूत्र को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करेगा, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाएंगे। राजा सुत ने इस सूत्र को धारण किया और उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर गया। यह कथा हमें अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व और भगवान विष्णु के अनंत रूप की महिमा को समझाती है।

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Frequently Asked Questions

अनंत चतुर्दशी व्रत कब मनाया जाता है?
अनंत चतुर्दशी व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है।
अनंत चतुर्दशी व्रत का क्या महत्व है?
अनंत चतुर्दशी व्रत भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाता है।
अनंत सूत्र का क्या महत्व है?
अनंत सूत्र भगवान विष्णु के आशीर्वाद का प्रतीक होता है। इसे धारण करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियां समाप्त होती हैं।
अनंत चतुर्दशी व्रत के क्या लाभ हैं?
इस व्रत से सुख-समृद्धि, संतान प्राप्ति और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही, व्यक्ति को भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।
क्या अनंत चतुर्दशी व्रत कथा सुनना जरूरी है?
हां, व्रत के दिन अनंत चतुर्दशी व्रत कथा सुनने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।

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