ब्लैक हकीक पहनने के नियम: जानें कैसे करें सही तरीके से धारण और सावधानियाँ
ब्लैक हकीक क्या है?
ब्लैक हकीक एक शक्तिशाली और रहस्यमयी रत्न है जिसे ऊर्जा संतुलन, सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पहना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह रत्न विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो नकारात्मक ऊर्जा, भय और मानसिक अस्थिरता से परेशान रहते हैं। इसकी ऊर्जा व्यक्ति को आत्मनिर्भर और साहसी बनाने में मदद करती है।
ब्लैक हकीक को राहु और केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भी पहना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को आत्मविश्वास और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है। यह रत्न व्यापार, करियर और व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होता है। साथ ही, यह बुरी नजर, टोने-टोटके और नकारात्मक शक्तियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। यही कारण है कि इसे पहनने से पहले उचित विधि और नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
ब्लैक हकीक पहनने के नियम
दिन और समय:
ब्लैक हकीक को शनिवार या मंगलवार को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
इसे सुबह 5 से 7 बजे के बीच या सूर्यास्त के समय पहनना चाहिए।
शुद्धिकरण प्रक्रिया:
इसे पहनने से पहले गंगाजल, कच्चे दूध और शुद्ध जल से धोकर शुद्ध करें।
किसी शुभ मुहूर्त में इसे धूप-दीप दिखाकर पंचोपचार पूजा करें।
धातु का चयन:
इसे चांदी, पंचधातु या तांबे की अंगूठी में धारण करना शुभ माना जाता है।
किस उंगली में पहनें:
पुरुष इसे दाहिने हाथ की मध्यमा या अनामिका उंगली में पहन सकते हैं।
महिलाएं इसे बाएं हाथ में पहन सकती हैं।
मंत्र जाप:
पहनने से पहले "ॐ रं राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
ब्लैक हकीक के फायदे
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव:
यह बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और टोने-टोटकों से सुरक्षा प्रदान करता है।
आत्मविश्वास और साहस:
इसे धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।
व्यापार और धन वृद्धि:
व्यापार में सफलता और आर्थिक उन्नति के लिए यह बहुत प्रभावी माना जाता है।
मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि:
यह तनाव, भय और चिंता को दूर कर मानसिक शांति प्रदान करता है।
राहु और केतु दोष निवारण:
यह राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक होता है।
ब्लैक हकीक पहनते समय सावधानियां
- इसे हमेशा शुद्ध और सकारात्मक विचारों के साथ पहनें।
- कोई भी खंडित या टूटा हुआ हकीक पहनना अशुभ माना जाता है।
- इसे दूसरों को पहनने के लिए न दें।
- स्नान, सोते समय या मांसाहार करते समय इसे उतार देना चाहिए।