क्रिसमस क्यों मनाया जाता है
क्रिसमस दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ईसा मसीह, जिन्हें जीसस क्राइस्ट भी कहा जाता है, ईसाई धर्म के संस्थापक माने जाते हैं। क्रिसमस का इतिहास 2,000 साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म 4 से 6 ईसा पूर्व में हुआ था। यह त्यौहार बाइबिल में वर्णित उनकी शिक्षा और बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।
क्रिसमस ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद पवित्र दिन है। यह दिन प्रेम, शांति, और मानवता की शिक्षा का प्रतीक है। चर्च में प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं और लोग ईसा मसीह की शिक्षाओं को याद करते हैं। क्रिसमस के अवसर पर लोग अपने घरों को सजाते हैं और क्रिसमस ट्री लगाते हैं। चर्च में विशेष प्रार्थना होती है और लोग एक-दूसरे को तोहफे देते हैं। इस दिन सांता क्लॉज बच्चों को तोहफे देकर उन्हें खुश करते हैं। सांता क्लॉज का नाम बच्चों के दिलों में खास जगह रखता है। वह प्यार, दया और उदारता का प्रतीक हैं। वहीं, क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली लाने का प्रतीक मानी जाती है। क्रिसमस न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमें प्रेम, शांति, और सद्भाव का संदेश भी देता है। यह दिन हर किसी को अपने आसपास के लोगों के साथ खुशियां साझा करने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
क्रिसमस क्यों मनाया जाता है?
यीशु का जन्म बेहद साधारण और विनम्र परिस्थितियों में हुआ। जब मरियम और यूसुफ बेथलेहम पहुंचे, तो उन्हें सराय में जगह नहीं मिली। इसलिए, उनका जन्म एक गौशाला में हुआ। उन्हें एक नांद (मवेशियों के चारा खाने की जगह) में लिटाया गया। उसी के अगले दिन 25 दिसंबर को मरियम ने यीशु मसीह को जन्म दिया।
यीशु मसीह के जन्म स्थल से कुछ दूरी पर कुछ चरवाहे भेड़ चरा रहे थे। कहा जाता है कि भगवान स्वयं देवदूत का रूप धारण कर वहां आए और उन्होंने चरवाहों से कहा कि इस नगर में एक मुक्तिदाता का जन्म हुआ है ये स्वयं भगवान ईसा हैं। देवदूत की बात पर यकीन करके चरवाहे उस बच्चे को देखने गए।
देखते ही देखते बच्चे को देखने वालों की भीड़ बढ़ने लगी। लोगों का मानना था कि यीशु ईश्वर का पुत्र है और ये कल्याण के लिए पृथ्वी पर आया है। मान्यता ये भी है कि प्रभु यीशु मसीह ने ही ईसाई धर्म की स्थापना की थी। यही वजह है कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।