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नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा को उनकी प्रिय वस्तु और भोग जरूर चढ़ाये
Updates / 2024/10/04

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा को उनकी प्रिय वस्तु और भोग जरूर चढ़ाये

4 October 2024, नवरात्रि का चौथा दिन देवी कूष्माण्डा को समर्पित होता है। देवी कूष्माण्डा अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली मानी जाती हैं। उन्हें "आदि शक्ति" के रूप में जाना जाता है और उनकी पूजा करने से भक्तों को स्वास्थ्य, ऐश्वर्य और शक्ति की प्राप्ति होती है। देवी कूष्माण्डा को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग और वस्तुओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि देवी कूष्माण्डा को कौन-कौन सी वस्तुएं प्रिय हैं और उन्हें कौन से भोग अर्पित करने चाहिए।

देवी कूष्माण्डा की प्रिय वस्तुएं

कमल का फूल:
देवी कूष्माण्डा को कमल का फूल अत्यंत प्रिय होता है। इसे पूजा के दौरान अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्त को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

दूर्वा (घास):
पूजा में दूर्वा अर्पित करना देवी कूष्माण्डा को विशेष रूप से प्रिय है। इससे आरोग्य और स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।

धूप और दीप:
देवी को सुगंधित धूप और दीप जलाने से पूजा की शुद्धता और प्रभावशीलता बढ़ती है। इसे अर्पित करने से देवी का आशीर्वाद मिलता है।

सिंदूर और चंदन:
सिंदूर और चंदन देवी को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।


देवी कूष्माण्डा का प्रिय भोग

मालपुआ:
देवी कूष्माण्डा को मालपुआ का भोग अत्यंत प्रिय है। इसे प्रसाद के रूप में अर्पित करने से देवी भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं।

नारियल:
पूजा में नारियल का विशेष महत्व होता है। देवी कूष्माण्डा को नारियल अर्पित करने से आर्थिक उन्नति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पंचामृत:
पंचामृत, जो दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना होता है, देवी कूष्माण्डा को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे स्वास्थ्य और आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।

फल और मिष्ठान:
देवी को मौसमी फल और मिठाई अर्पित करने से जीवन में सुख और शांति आती है। विशेष रूप से, सेब और अनार जैसे फलों का भोग शुभ माना जाता है।

देवी कूष्माण्डा की पूजा विधि

  • प्रातः स्नान के बाद देवी कूष्माण्डा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
  • सिंदूर, चंदन, फूल, और दूर्वा अर्पित करें।
  • मालपुआ, नारियल, और पंचामृत का भोग देवी को अर्पित करें।
  • "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्माण्डायै नमः" मंत्र का जाप करें।
  • अंत में, प्रसाद को सभी में बांटें और देवी से आशीर्वाद प्राप्त करें।

देवी कूष्माण्डा की पूजा से लाभ

आरोग्य का वरदान:
देवी की पूजा करने से आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है और बीमारियां दूर होती हैं।

धन-धान्य की वृद्धि:
देवी कूष्माण्डा की पूजा से धन, धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

आत्मिक शांति और संतुलन:
देवी की आराधना से मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है।

विघ्नों का नाश:
देवी की कृपा से जीवन की कठिनाइयों और विघ्नों का नाश होता है।


Frequently Asked Questions

देवी कूष्माण्डा को कौन-कौन सी वस्तुएं प्रिय हैं?
देवी कूष्माण्डा को कमल का फूल, दूर्वा, धूप, दीप, सिंदूर, और चंदन विशेष रूप से प्रिय हैं।
देवी कूष्माण्डा को कौन सा भोग अर्पित करना चाहिए?
देवी को मालपुआ, नारियल, पंचामृत, और मौसमी फलों का भोग अर्पित करना चाहिए।
देवी कूष्माण्डा की पूजा में कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?
देवी कूष्माण्डा की पूजा में
देवी कूष्माण्डा की पूजा से क्या लाभ होते हैं?
देवी की पूजा से आरोग्यता, धन-धान्य की वृद्धि, आत्मिक शांति और विघ्नों का नाश होता है।
देवी कूष्माण्डा को प्रसन्न कैसे करें?
देवी कूष्माण्डा को प्रसन्न करने के लिए उन्हें उनके प्रिय भोग जैसे मालपुआ, नारियल, और पंचामृत अर्पित करें और मन से पूजा करें।

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