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नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं और भोग माँ को जरूर चढ़ाये
Updates / 2024/10/04

नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं और भोग माँ को जरूर चढ़ाये

4 October 2024, नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व होता है। देवी स्कंदमाता को भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता के रूप में जाना जाता है, जो साहस, शक्ति, और ज्ञान की देवी हैं। उनकी पूजा करने से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों को देवी स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय वस्त्र, फूल, और भोग अर्पित करने चाहिए।

देवी स्कंदमाता का स्वरूप
देवी स्कंदमाता की चार भुजाएं होती हैं। वे एक हाथ में भगवान स्कंद को गोद में उठाए हुए होती हैं और दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है। उनका वाहन सिंह है, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है। देवी स्कंदमाता की पूजा से शत्रुओं का नाश होता है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं और भोग

कमल का फूल:
देवी स्कंदमाता को कमल का फूल अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।

सफेद वस्त्र और आभूषण:
देवी स्कंदमाता को सफेद वस्त्र और आभूषण अर्पित करना शुभ माना जाता है। यह देवी की कृपा पाने का सरल और प्रभावी उपाय है।

मखाने की खीर:
मखाने की खीर देवी स्कंदमाता को विशेष रूप से प्रिय है। इसे प्रसाद के रूप में अर्पित करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

धूप और दीप:
देवी स्कंदमाता को पूजा के दौरान सुगंधित धूप और दीप अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे देवी प्रसन्न होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सेब और केला:
देवी को मौसमी फल जैसे सेब और केला अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


देवी स्कंदमाता की पूजा विधि

  • प्रातः काल स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
  • देवी स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
  • उन्हें कमल का फूल, सफेद वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
  • मखाने की खीर और मौसमी फलों का भोग लगाएं।
  • देवी के मंत्र "ॐ देवी स्कंदमातायै नमः" का जाप करें।
  • अंत में प्रसाद सभी में बांटें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

देवी स्कंदमाता की पूजा से लाभ

सुख और शांति की प्राप्ति:
देवी स्कंदमाता की पूजा से जीवन में सुख और शांति का वास होता है। उनका आशीर्वाद पाकर भक्त सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्त होते हैं।

आध्यात्मिक उन्नति:
देवी की आराधना से भक्त की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त होता है।

संतान सुख:
देवी स्कंदमाता की पूजा से संतान प्राप्ति और संतान से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।

शत्रु नाश:
देवी स्कंदमाता की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय का मार्ग प्रशस्त होता है।

आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि:
देवी स्कंदमाता की पूजा से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, जो जीवन में आगे बढ़ने में सहायक होता है।


Frequently Asked Questions

नवरात्रि के पांचवे दिन किस देवी की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
देवी स्कंदमाता को कौन सा भोग अर्पित किया जाता है?
देवी स्कंदमाता को मखाने की खीर, सेब, और केला का भोग अर्पित किया जाता है।
देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं कौन-कौन सी हैं?
देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं हैं कमल का फूल, सफेद वस्त्र, और आभूषण।
देवी स्कंदमाता की पूजा से क्या लाभ होते हैं?
देवी स्कंदमाता की पूजा से सुख-समृद्धि, शांति, और शत्रु नाश का लाभ प्राप्त होता है।
देवी स्कंदमाता का वाहन क्या है?
देवी स्कंदमाता का वाहन सिंह है।

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