दशहरे के दिन किन-किन चीजों की पूजा की जाती है? जानें विजयादशमी की प्रमुख पूजा विधि
7 October 2024, दशहरा या विजयादशमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है और इस पर्व का विशेष महत्व होता है। दशहरे के दिन कुछ विशेष चीजों की पूजा की जाती है, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से गहरा महत्व है। आइए जानते हैं कि दशहरे के दिन किन-किन चीजों की पूजा की जाती है।
1. शस्त्र पूजा (Weapons Worship)
दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान राम की युद्ध में विजय को श्रद्धांजलि देने के लिए योद्धा, पुलिस, और अन्य सुरक्षा बल अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। यह पूजा शक्ति और साहस का प्रतीक है, और इसे करने से जीवन में आंतरिक और बाहरी विजय प्राप्त होती है।
2. वाहन पूजा (Vehicle Worship)
दशहरे के दिन वाहन पूजा का भी विशेष महत्व है। वाहन पूजा करने से माना जाता है कि वाहन जीवन में सुरक्षा और सफलता लाता है। इस दिन लोग अपने वाहनों की सफाई करते हैं, उन्हें सजाते हैं और फिर उनकी पूजा करते हैं। यह पूजा परिवार की समृद्धि और यात्रा में सफलता के लिए की जाती है।
3. विद्या और पुस्तक पूजा (Knowledge and Book Worship)
दशहरे के दिन विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन छात्र और शिक्षक अपने अध्ययन सामग्री, पुस्तकों और पेन आदि की पूजा करते हैं। इसे विद्या और ज्ञान प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। विशेष रूप से, स्कूलों और संस्थानों में इस दिन विद्या की पूजा करने का विशेष प्रचलन होता है।
4. आयुध पूजा (Tools and Machinery Worship)
दशहरे के दिन उन सभी उपकरणों और मशीनों की पूजा की जाती है जो किसी के कार्य या व्यवसाय से जुड़े होते हैं। जैसे किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं, व्यापारी अपने व्यापारिक उपकरणों की पूजा करते हैं, और कलाकार अपने कला के उपकरणों की। यह पूजा व्यवसाय में उन्नति और सफलता का प्रतीक है।
5. धन और धान्य पूजा (Wealth and Grains Worship)
दशहरे के दिन धन और अनाज की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। यह पूजा आर्थिक समृद्धि और भोजन के लिए की जाती है। बहुत से लोग अपने घरों में धान्य की पूजा कर धन और समृद्धि की कामना करते हैं।
दशहरा पूजा की विधि
दशहरे के दिन सुबह स्नान करके नए या साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को सजाएं और सभी पूजनीय वस्तुओं जैसे शस्त्र, वाहन, पुस्तकें, व्यापारिक उपकरण और धान्य को एक स्थान पर रखें। देवी-देवताओं की तस्वीरों या मूर्तियों के साथ इन सभी चीजों पर हल्दी, कुमकुम, चावल, और पुष्प अर्पित करें। दीपक जलाएं और आरती करें। इस दौरान शस्त्रों और वाहनों पर विशेष रूप से नींबू और हल्दी लगाकर उनका अभिषेक करें।
दशहरा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, समृद्धि, और ज्ञान की वृद्धि होती है। शस्त्र, वाहन, विद्या, और व्यापारिक उपकरणों की पूजा कर आप अपने जीवन में उन्नति और सुख-शांति की कामना कर सकते हैं।