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दशहरा क्यों मनाया जाता है: जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथाए
Updates / 2024/10/07

दशहरा क्यों मनाया जाता है: जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथाए

7 October 2024, दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे भारत में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। दशहरा का मुख्य उद्देश्य बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत का जश्न मनाना है। इस त्योहार से जुड़ी दो प्रमुख कहानियां हैं: एक भगवान राम की और दूसरी देवी दुर्गा की।

भगवान राम और रावण वध की कथा
दशहरे का सबसे प्रसिद्ध कारण भगवान राम द्वारा रावण का वध है। रावण लंका का राजा था और उसने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था। इसके बाद, भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण और वानर सेना के साथ रावण पर हमला किया। यह युद्ध 10 दिनों तक चला और अंततः दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया। इस जीत को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में मनाया जाता है, और इसी कारण इसे विजयादशमी कहा जाता है।

देवी दुर्गा और महिषासुर वध की कथा
दशहरे का दूसरा प्रमुख कारण देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध है। महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था जिसने स्वर्ग और पृथ्वी पर आतंक फैलाया था। देवताओं की प्रार्थना पर देवी दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध किया और 9 दिन तक चले इस युद्ध के अंतिम दिन यानी दशमी तिथि को महिषासुर का वध किया। इसे बुराई के अंत और सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा की परंपराएं और रीति-रिवाज
दशहरे के दिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इस दिन रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम की रावण पर विजय की पूरी कहानी नाटकीय रूप से प्रस्तुत की जाती है। दिन के अंत में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं, जिसे रावण दहन कहा जाता है।
इसके अलावा, विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है। विशेष रूप से योद्धा और सैनिक अपने हथियारों की पूजा करते हैं। यह परंपरा शक्ति और विजय के प्रतीक के रूप में की जाती है।
दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन भी इस दिन किया जाता है, जो देवी की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है।

दशहरा का महत्व
दशहरा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है। यह हमें हमारे जीवन में नैतिकता और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।
दशहरे का एक और सामाजिक संदेश है कि हमें अपने अंदर के अहंकार, लालच, और अन्य बुराइयों का दमन करना चाहिए, जैसे भगवान राम ने रावण के अहंकार का अंत किया था।

दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और समाज में नैतिकता और सच्चाई की स्थापना की आवश्यकता को याद दिलाता है।


Frequently Asked Questions

दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह भगवान राम द्वारा रावण के वध और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
दशहरा कब मनाया जाता है?
दशहरा हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो सितंबर या अक्टूबर महीने में पड़ती है।
दशहरा के पीछे कौन सी प्रमुख कहानियां हैं?
दशहरे से जुड़ी प्रमुख कहानियों में भगवान राम द्वारा रावण का वध और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध शामिल है।
विजयादशमी को दशहरा क्यों कहा जाता है?
विजयादशमी का अर्थ है विजय प्राप्त करने की दशमी। इसे दशहरे के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।
दशहरा के दिन कौन-कौन से धार्मिक कार्य किए जाते हैं?
दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन, रावण दहन, शस्त्र पूजा, और देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं।

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