घर में कौनसा शंख रखना चाहिए, जिसे बजाने से घर मे लक्ष्मी आती है।
शंख भारतीय संस्कृति और धर्म का अभिन्न हिस्सा है। यह एक पवित्र वस्तु मानी जाती है, जिसे समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त 14 रत्नों में से एक माना गया है। शंख को हिंदू धर्म में शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है, बल्कि वास्तुशास्त्र में भी इसका विशेष महत्व है। शंख से निकलने वाली ध्वनि सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है और घर के वातावरण को शुद्ध करती है।
सनातन परंपरा में शंख के 10 प्रकार को बेहद शुभ माना गया है. जिनमें कामधेनु शंख, गणेश शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, विष्णु शंख, ऐरावत शंख, पौंड्र शंख, मणिपुष्पक शंख, देवदत्त शंख और दक्षिणावर्ती शंख शामिल है. मान्यता है कि ये शंख जिसके पास होते हैं, उनके घर में हमेशा सुख-संंपत्ति और सौभाग्य का वास बना रहता है.
घर में कौनसा शंख रखना चाहिए?
घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना सबसे शुभ माना जाता है। यह शंख दुर्लभ होता है और इसकी बनावट में इसका मुख दाईं ओर खुला रहता है। इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसके अलावा, पूजा के लिए बाएं हाथ का शंख या सामान्य शंख का उपयोग भी किया जाता है।
दक्षिणावर्ती शंख के लाभ
धन और समृद्धि का आगमन: दक्षिणावर्ती शंख को धन का प्रतीक माना जाता है। इसे घर में रखने से आर्थिक लाभ होता है।
सकारात्मक ऊर्जा: यह शंख घर के वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
स्वास्थ्य लाभ: शंख में जल भरकर उसे छिड़कने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
वास्तु दोष का निवारण: सही दिशा में शंख रखने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
शंख रखने के नियम
- शंख को हमेशा पूजा स्थल या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
- इसे नियमित रूप से साफ करें और पूजा में उपयोग करें।
- शंख को अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास रखने से भी शुभ ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा में शंख का उपयोग
शंख का उपयोग आरती, अभिषेक और जल छिड़कने के लिए किया जाता है। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
घर में शंख रखना शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। सही शंख का चयन और उसका उपयोग वास्तु दोष को दूर करने और सकारात्मकता बढ़ाने में सहायक होता है। यदि आप अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो दक्षिणावर्ती शंख को अपनाएं।