घर में वास्तु दोष के कारण उनके निवारण के साथ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का निर्माण और उसकी सजावट यदि सही दिशा और नियमों के अनुसार नहीं होती है तो यह वास्तु दोष का कारण बन सकती है। वास्तु दोष से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे पारिवारिक सदस्यों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि घर में वास्तु दोष के मुख्य कारण क्या हैं और उनके निवारण के सरल और प्रभावी उपाय क्या हो सकते हैं।
घर में वास्तु दोष के मुख्य कारण
- मुख्य द्वार की दिशा: यदि मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में नहीं है, तो यह वास्तु दोष का कारण बन सकता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बाधित होता है।
- बाथरूम और रसोई की स्थिति: बाथरूम का रसोई के पास होना या दक्षिण-पूर्व दिशा में बाथरूम का होना वास्तु दोष पैदा करता है।
- शयनकक्ष की दिशा: शयनकक्ष का उत्तर-पूर्व दिशा में होना वास्तु दोष का कारण बन सकता है। शयनकक्ष को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- सीढ़ियों की स्थिति: घर के बीच में सीढ़ियाँ होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। सीढ़ियों को हमेशा कोने में होना चाहिए।
- पानी की टंकी की स्थिति: पानी की टंकी का दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना भी वास्तु दोष का कारण बनता है।
- किचन की स्थिति: किचन का उत्तर-पूर्व दिशा में होना वास्तु दोष का कारण बनता है। किचन को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- बीम के नीचे सोना: अगर शयनकक्ष में सोते समय बीम के नीचे सोना पड़े, तो यह वास्तु दोष का कारण बनता है और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
- खुले स्थान की कमी: घर में पर्याप्त खुला स्थान न होने से भी वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। इससे घर में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा की कमी हो सकती है।
- मंदिर की स्थिति: घर में मंदिर की दिशा भी महत्वपूर्ण होती है। यदि मंदिर गलत दिशा में हो, तो यह भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
- बिजली के उपकरणों की स्थिति: घर में बिजली के उपकरणों की सही दिशा में न होने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। जैसे कि टीवी, फ्रिज आदि को सही दिशा में रखना चाहिए।
वास्तु दोष के निवारण के उपाय
- मुख्य द्वार को सजाना: मुख्य द्वार को सुंदर और आकर्षक बनाएं। द्वार के दोनों तरफ स्वस्तिक या ओम का चिन्ह लगाएं। यह सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने में मदद करेगा।
- पानी का फव्वारा: उत्तर दिशा में पानी का फव्वारा लगाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा और वास्तु दोष का निवारण होगा।
- तुलसी का पौधा: घर में तुलसी का पौधा रखें। तुलसी के पौधे में अद्भुत ऊर्जा होती है जो नकारात्मकता को दूर करती है।
- दर्पण का सही स्थान: दर्पण को सही दिशा में लगाएं। उत्तर या पूर्व दिशा में दर्पण लगाना शुभ होता है। इससे वास्तु दोष का निवारण होता है।
- वास्तु विशेषज्ञ की सलाह: यदि घर में वास्तु दोष अधिक हो, तो किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें और उनके द्वारा सुझाए गए उपायों को अपनाएं।
- बीम के नीचे बिस्तर न रखें: बीम के नीचे बिस्तर रखने से बचें। यदि यह संभव नहीं है, तो बीम को छुपाने के लिए फॉल्स सीलिंग का उपयोग करें।
- रंगों का उपयोग: घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए सही रंगों का उपयोग करें। हल्के और उज्ज्वल रंगों का उपयोग करें जो सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करें।
- खुले स्थान का ध्यान रखें: घर में खुला स्थान रखें। फर्नीचर को सही तरीके से व्यवस्थित करें ताकि घर में खुला और हवादार महसूस हो।
- मंदिर की सही दिशा: घर में मंदिर को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। यह दिशा पूजा और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।
- बिजली के उपकरणों की सही दिशा: टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर आदि को सही दिशा में रखें। उदाहरण के लिए, फ्रिज को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
निष्कर्ष
वास्तु दोष से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वास्तु दोष का निवारण संभव है यदि सही दिशा और नियमों का पालन किया जाए। उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप अपने घर को वास्तु दोष मुक्त बना सकते हैं और सुख-शांति को प्राप्त कर सकते हैं।
इस ब्लॉग में हमने जाना कि घर में वास्तु दोष के मुख्य कारण क्या हैं और उनके निवारण के उपाय क्या हो सकते हैं। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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