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Monday, 2024 December 02
हामिदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान जिन्हें कोई नहीं हरा पाया
Updates / 2024/05/04

हामिदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान जिन्हें कोई नहीं हरा पाया

हामिदा बानो: भारत की पहली महिला पहलवान जिन्हें कोई नहीं हरा पाया। हामिदा बानो के जन्म तिथि की  वास्तविक पुष्टि तो नहीं मिलती, लेकिन अनुमान के तौर पर माना जाता है कि उनका जन्म 1927 के आसपास हुआ था.  उनका जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बताया जाता है.
1940 और 50 के दंगल में सिर्फ मर्दों का ही दबदबा हुआ करता था. उस दौर में अगर कोई महिला पहलवान बनकर सबको चौंका देती, तो ये थीं हामिदा बानो.  आज के इस ब्लॉग में, हम भारत की इस पहली महिला पहलवान के बारे में ही जानेंगे. उनकी ताकत का लोहा किसने माना और उनकी डाइट कैसी थी, जैसी कई रोचक बातों पर भी चर्चा करेंगे.

अजेय दंगल लड़ाकू: कहा जाता है कि हामिदा बानो अपने पूरे करियर में कभी नहीं हारीं. उन्होंने 320 से भी ज्यादा दंगल जीते. उनकी दमदार डाइट और अनुशासित दिनचर्या उनकी सफलता का राज थी.

दंगल की धमक: हामिदा बानो का सफर
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में जन्मीं हामिदा बानो बचपन से ही पहलवानी के लिए ज जानी जाती थीं. उस जमाने में जब समाज में महिलाओं के खेलों को महत्व नहीं दिया जाता था, हामिदा ने रूढ़ियों को तोड़कर कुश्ती की दुनिया में कदम रखा.

उन्होंने कई पुरुष पहलवानों को धूल चटाई. कहा जाता है कि हामिदा ने अपने करियर में पूरे 320 दंगल जीते! उनकी ताकत और दमखम की ख़बरें दूर-दूर तक फैल गईं. अखबारों में उनके शौर्य की तारीफें की जाती थीं.

शादी को दांव पर लगाना: एक दिलचस्प चुनौती
अपनी बेमिसाल जीत की लय को बनाए रखने के लिए हामिदा ने एक अनोखी चुनौती पेश की. उन्होंने कहा कि जो कोई उन्हें कुश्ती के मैदान में हरा देगा, वही उन्हें शादी के बंधन में बांध सकेगा. मगर, हामिदा को कोई भी हरा नहीं पाया.

कई पहलवान तो उनके सामने आने से भी कतराते थे. कुछ तो मैच से पहले ही बहाने बना लेते थे.  ऐसा माना जाता है कि आखिरकार समाजिक विरोध और पुरुष वर्चस्व के चलते हामिदा को वो डटकर मुकाबला नहीं मिल सका जिसकी वो तलाश में थीं.

हामिदा बानो की दमदार डाइट
हामिदा बानो की ताकत का राज उनकी दमदार डाइट में भी छिपा था. रिपोर्ट्स के अनुसार, वो एक दिन में 6 लीटर दूध, डेढ़ किलो सब्जियों का सूप, डेढ़ लीटर फलों का जूस पी जाती थीं. इसके अलावा उनके खाने में एक मुर्गा, एक किलो मटन, 450 ग्राम मक्खन, 6 अंडे, करीब एक किलो बादाम, 2 बड़ी रोटियां और 2 प्लेट बिरयानी शामिल थी!

बताते हैं कि वो दिन में 9 घंटे खाती थीं, 6 घंटे कसरत करती थीं और बाकी समय सोती थीं. ये उनकी अनुशासित दिनचर्या थी जिसने उन्हें दंगल की मैदान में अजेय बना दिया.

गूगल डूडल में भी हुईं सम्मानित
भारत की पहली महिला पहलवान के तौर पर हामिदा बानो के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. साल 2024 में गूगल ने उन्हें सम्मानित करते हुए एक खास डूडल भी बनाया था.

हमें हामिदा बानो से ये सीख मिलती है कि जुनून और मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. भले ही उन्हें वो कड़ा मुकाबला न मिला हो, लेकिन उन्होंने समाज में महिला पहलवानों के लिए एक रास्ता जरूर बनाया.

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Frequently Asked Questions

हमीदा बानो कौन थीं?
हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान थीं। उन्होंने पुरुष पहलवानों को भी हराकर खूब नाम कमाया था।
हमीदा बानो को इतनी ताकत कैसे मिली?
कहा जाता है कि हमीदा बानो की डाइट बहुत ही खास थी। वो रोज़ाना दूध, मांस, मेवे और फल जैसी चीज़ों का सेवन बड़ी मात्रा में करती थीं।
क्या हमीदा बानो कभी हारी थीं?
रिपोर्ट्स के अनुसार, हमीदा बानो अपने पूरे करियर में कभी नहीं हारीं। उन्होंने कई नामी पहलवानों को शिकस्त दी थी।
लोग हमीदा बानो को इतना क्यों याद करते हैं?
हमीदा बानो को इसलिए याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने उस समय समाज की रूढ़ियों को तोड़ा और कुश्ती के क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक रास्ता बनाया।
हमीदा बानो के बारे में और ज़्यादा जानकारी कहां मिल सकती है?
हमीदा बानो के बारे में आप इंटरनेट पर खोज कर सकते हैं। कई वेबसाइट्स और आर्टिकल्स में उनके जीवन और करियर के बारे में जानकारी मिलती है।

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