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Indira Ekadashi 2024: पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति और 7 पीढ़ियो तक पितृओ को मिलेगा मोक्ष
Updates / 2024/09/26

Indira Ekadashi 2024: पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति और 7 पीढ़ियो तक पितृओ को मिलेगा मोक्ष

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर साल 24 एकादशियों का पालन किया जाता है, और इनमें से इंदिरा एकादशी का व्रत पितृ पक्ष के दौरान आता है। इंदिरा एकादशी व्रत 2024 में 27 सितम्बर से शुरू होकर 29 सितम्बर को समाप्त होगी। यह व्रत मुख्य रूप से पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। इस व्रत के पालन से न केवल पितरों को मुक्ति मिलती है, बल्कि व्रती को भी अनेक चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं।

इंदिरा एकादशी का फल 

इंदिरा एकादशी व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पितरों की आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और उनका मोक्ष हो जाता है। पितृ पक्ष में यह व्रत विशेष रूप से किया जाता है ताकि पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके। इसके साथ ही, जो लोग इस व्रत को करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति आती है।

इंदिरा एकादशी व्रत कथा

इंदिरा एकादशी की कथा राजा इंद्रसेन और उनके पिता से जुड़ी है। एक बार भगवान श्री हरि विष्णु ने राजा इंद्रसेन को स्वप्न में दर्शन दिए और बताया कि उनके पिता नरक में कष्ट भोग रहे हैं। भगवान विष्णु ने राजा इंद्रसेन को इंदिरा एकादशी का व्रत रखने का आदेश दिया ताकि उनके पिता की आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो सके। राजा इंद्रसेन ने इस व्रत का पालन किया और इसके फलस्वरूप उनके पिता को स्वर्ग की प्राप्ति हुई। इस कथा से यह सिद्ध होता है कि इंदिरा एकादशी व्रत से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है।

इंदिरा एकादशी का पालन कैसे करें?

इंदिरा एकादशी का व्रत बहुत ही सरल और नियमबद्ध होता है। इस दिन व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है, लेकिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता। दिनभर भगवान विष्णु के नाम का जाप करना और उनकी कथाओं का श्रवण करना शुभ माना जाता है। रात्रि जागरण करके विष्णु भगवान की आराधना की जाती है। अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण किया जाता है।

इंदिरा एकादशी के चमत्कारी लाभ

इंदिरा एकादशी व्रत के पालन से न केवल पितरों को मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्रत व्रती के जीवन में भी अनेक सकारात्मक बदलाव लाता है। इस व्रत से व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होता है और सुख-शांति का वास होता है। जो लोग इस व्रत का नियमित पालन करते हैं, उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

इंदिरा एकादशी व्रत के विशेष नियम

इंदिरा एकादशी व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है:

  • व्रती को इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • दिनभर भगवान विष्णु की भक्ति और पूजा करनी चाहिए।
  • व्रत के दौरान अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, केवल फलाहार और जल का सेवन करना चाहिए।
  • द्वादशी के दिन व्रत का पारण करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।

इंदिरा एकादशी 2024: तिथि और समय
इंदिरा एकादशी व्रत 2024 में 27 सितम्बर से शुरू होकर 29 सितम्बर को समाप्त होगी।


Frequently Asked Questions

इंदिरा एकादशी 2024 में कब है?
इंदिरा एकादशी व्रत 2024 में 27 सितम्बर से शुरू होकर 29 सितम्बर को समाप्त होगी।
इंदिरा एकादशी व्रत का क्या महत्व है?
इंदिरा एकादशी व्रत के पालन से पितरों की आत्मा को मोक्ष मिलता है और व्रती को चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं।
इंदिरा एकादशी की कथा क्या है?
इंदिरा एकादशी की कथा राजा इंद्रसेन और उनके पितरों की मुक्ति से जुड़ी हुई है, जो इस व्रत से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण कथा मानी जाती है।
क्या इंदिरा एकादशी व्रत में फलाहार किया जा सकता है?
हां, इंदिरा एकादशी व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है, लेकिन अन्न ग्रहण करना वर्जित होता है।
इंदिरा एकादशी व्रत के लाभ क्या हैं?
इस व्रत से पितरों को मुक्ति मिलती है, और व्रती के जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति आती है।

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