जम्मू-कश्मीर में 6 साल बाद राष्ट्रपति शासन हटा, सरकार गठन की प्रक्रिया तेज
जम्मू-कश्मीर में लगभग 6 साल के लंबे अंतराल के बाद राष्ट्रपति शासन को हटा दिया गया है। यह कदम प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने और राजनीतिक स्थिरता को लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था, और तब से लेकर अब तक यह केंद्र सरकार के अधीन ही था।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सरकार गठन की तैयारियां चल रही हैं. इसी के साथ घाटी में छह साल से लगा राष्ट्रपति शासन अब हटा लिया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने जीत हासिल की है। उसे 49 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी के खाते में 29 सीटें आई हैं।
गुरुवार को हुई नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक में पार्टी ने सर्वसम्मति से उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुन लिया था। इसकी जानकारी पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने दी थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से दल का नेता चुना गया। उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं के साथ ही कई राज्यों के सीएम को न्योता भेजा जा सकता है।