जय गणेश, जय गणेश आरती हिंदी में
गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। गणेश जी की आरती "जय गणेश, जय गणेश" विशेष रूप से प्रसिद्ध है और हर पूजा में इसे गाया जाता है। आइए, इस आरती को हिंदी में जानें और इसके महत्त्व को समझें।
आरती का महत्त्व
गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है, अर्थात् वे सभी विघ्नों और बाधाओं को दूर करते हैं। उन्हें बुद्धि, समृद्धि और शुभता के देवता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है ताकि कार्य में कोई बाधा न आए। गणेश चतुर्थी के दौरान गाई जाने वाली आरती "जय गणेश, जय गणेश" श्रद्धालुओं की भावनाओं का प्रतीक है और भक्तों को भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करने का माध्यम है।
जय गणेश, जय गणेश आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
सुर-शामन जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूरी करो, जाओ बलिहारी॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
आरती का भावार्थ
इस आरती में भगवान गणेश की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि गणेश जी के मस्तक पर सिंदूर शोभित होता है और वे मूषक (चूहे) की सवारी करते हैं। वे दयावान और कृपालु हैं। भक्तगण उन्हें पान, फूल और मिठाइयों का भोग लगाते हैं। आरती में यह भी कहा गया है कि भगवान गणेश अंधों को दृष्टि, कोढ़ियों को नया शरीर, निसंतान को संतान, और निर्धनों को धन प्रदान करते हैं।
आरती के अंत में भक्त प्रार्थना करते हैं कि वे गणेश जी की कृपा से अपनी सभी कामनाओं को पूरा करें और उनकी लाज बचाएं। यह आरती भक्ति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम है, जिसे गाकर भक्त गणपति बप्पा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में बसे भारतीय समुदायों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार हमें एकता, प्रेम, और भक्ति का संदेश देता है।
इस पर्व के दौरान लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और गणपति विसर्जन के साथ इस पर्व का समापन होता है।
निष्कर्ष
"जय गणेश, जय गणेश" आरती हमें भगवान गणेश की महिमा का स्मरण कराती है और हमारे मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना को प्रबल करती है। गणेश चतुर्थी का पर्व हमें यह सिखाता है कि श्रद्धा, समर्पण और भक्ति के साथ हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं और गणपति बप्पा के आशीर्वाद से अपने जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।
इस गणेश चतुर्थी पर, आइए हम सब मिलकर गणेश जी की आरती गाएं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं। जय गणेश, जय गणेश देवा
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