Karwa Chauth 2024 Date and Time
16 October 2024, करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं। करवा चौथ व्रत का उल्लेख प्राचीन समय से मिलता है, जब युद्ध में जाने वाले सैनिकों की पत्नियां उनके कुशल और सुरक्षित वापस लौटने के लिए यह व्रत करती थीं। वर्तमान समय में भी यह व्रत अपने पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए किया जाता है।
करवा चौथ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने का भी प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण को बढ़ाता है। यह व्रत भारतीय समाज में सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
करवा चौथ 2024 का व्रत महिलाओं के लिए धार्मिक और पारिवारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। पूजा विधि और व्रत के नियमों का पालन कर इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
करवा चौथ 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2024 की शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान आप विधि विधान से करवा माता की आराधना और कथा सुन सकते हैं।
करवा चौथ व्रत विधि
सवेरे सरगी ग्रहण करें: व्रत से पहले सूर्योदय से पूर्व महिलाएं सरगी (सास द्वारा दिया गया भोजन) ग्रहण करती हैं। इसमें फल, मिठाई, मेवा और पानी होता है, जिससे पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।
व्रत का संकल्प लें: सूर्योदय के बाद व्रत का संकल्प लेकर दिनभर निर्जल व्रत करें। इस दौरान जल और भोजन का त्याग किया जाता है।
शाम की पूजा: सूर्यास्त के समय करवा चौथ की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान करवा माता की कथा सुनी जाती है, और करवा (जल से भरा मिट्टी का बर्तन) में दीपक जलाकर उनकी पूजा की जाती है।
चंद्र दर्शन और अर्घ्य: रात को चंद्रमा निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करती हैं। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा जाता है।
पति की लंबी आयु की कामना: अंत में, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और उन्हें मिठाई खिलाती हैं।
करवा चौथ व्रत के नियम
इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा दर्शन तक निर्जल व्रत करती हैं। इस दौरान जल या भोजन नहीं ग्रहण किया जाता।
करवा चौथ की पूजा में करवा (जल से भरा बर्तन), फल, मिठाई, दीपक, चंदन, रोली और अक्षत का उपयोग होता है।
इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं सुंदर परिधान धारण करती हैं और सज-धज कर पूजा करती हैं।