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लता मंगेशकर के इन गानों को आप कभी नही भूल सकते
Updates / 2024/01/19

लता मंगेशकर के इन गानों को आप कभी नही भूल सकते

भारतीय स्वर कोकिला लता मंगेशकर: भारतीय उपमहाद्वीप में लता मंगेशकर को 'स्वर कोकिला' के नाम से जाना जाता है, यानी आवाज की रानी। भारत रत्न लता मंगेशकर एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका, संगीतकार और लेखक थीं। छह दशकों के लंबे करियर में उन्होंने 30,000 से अधिक गीत गाए हैं, जिनमें से 5,000 से अधिक हिंदी फिल्मी गीत हैं। उन्हें भारत की सबसे महान गायिका माना जाता है। इस ब्लॉग में हम लाता मंगेशकर जी के 85 ऐसे गाने की लिस्ट दे रहे है जिसे आप कभी नही भूल सकते. साथ ही इस ब्लॉग में लता मंगेशकर जी का जीवन परिचय, उनकी उपलब्धिया, उनका योगदान, उनका फ़िल्मी सफ़र बताया गया है.

जीवन परिचय:

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था।
उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार और रंगमंच कलाकार थे और उनकी माँ शेवंती गृहिणी थीं।
लता जी को संगीत विरासत में मिला था, उनके पिता जी उनको संगीत की शिक्षा दी थी।
5 वर्ष की आयु में ही उन्होंने पहली बार एक नाटक में अभिनय किया था।
1942 में उनके पिता के असामयिक निधन के बाद, लता जी अपने परिवार का सहारा बनने के लिए मुंबई आ गईं।

फिल्मी सफर:

लता मंगेशकर ने 1942 में मराठी फिल्म "पहिला वजन" के लिए पहला गीत रिकॉर्ड किया था।
1948 में आई फिल्म "शहीद" से हिंदी सिनेमा में कदम रखा।
उन्होंने कई महान संगीतकारों के साथ काम किया है, जिनमें से कुछ हैं - मदन मोहन, हेमंत कुमार, नौशद, आर.डी.बर्मन, खय्याम और लक्ष्मीकांत-प्यारेला.
उन्होंने लगभग सभी प्रमुख संगीतकारों और गायकों के साथ युगल गीत गाए हैं।

विशिष्टताएं:

लता मंगेशकर की आवाज में एक अद्वितीय मिठास और भावुकता है, जो उनके गीतों को सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
उन्होंने विभिन्न शैलियों और मूड के गीतों को बखूबी गाया है, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन होता है।
उन्होंने 30 से अधिक भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं, जैसे फ्रेंच, अंग्रेजी, रूसी और स्पेनिश में गीत गाए हैं।

उपलब्धियां:

लता मंगेशकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
फ्रांस सरकार ने उन्हें लेजियन डी'ऑनर से भी सम्मानित किया है।
1974 में लता मंगेशकर को गोल्डन वॉयस ऑफ एशिया का खिताब भी दिया गया था।

लता मंगेशकर का योगदान:

लता मंगेशकर ने भारतीय सिनेमा और संगीत जगत में अमिट छाप छोड़ी है।
उनकी गायन ने पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया है और भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वह भारतीय संगीत की एक सच्ची दिग्गज और राष्ट्रीय खजाना हैं।

01. बेदर्द तेरे दर्द को सीने से लगा के...(पद्मनी) गुलाम हैदर, 1948
2. आएगा...आएगा...आनेवाला...(महल) खेमचन्द प्रकाश, 1949
3. हवा में उड़ता जाये मोरा लाल दुपट्टा...(बरसात) शंकर जयकिशन, 1949
4. साजन की गलियाँ छोड़ चले...(बाजार) श्याम सुन्दर, 1949
5. उठाये जा उनके सितम...(अन्दाज) नौशाद, 1949
6. तुम न जाने किस जहाँ में खो गये...(सजा) एस.डी. बर्मन, 1951
7. बेईमान तोरे नैनवा निन्दिया न आये...(तराना) अनिल विश्वास, 1951
8. तुम क्या जानो तुहारी याद में... (शिन शिनाकी बबला) सी. रामचन्द्र, 1952
9. मोहे भूल गये साँवरिया...(बैजू बावरा) नौशाद, 1952
10. ए री मैं तो प्रेम दिवानी...(नौ बहार) रोशन, 1952
11. वो तो चले गये ऐ दिल...(संगदिल) सज्जाद हुसैन, 1952
12. वन्दे मातरम... (आनन्द मठ) हेमन्त कुमार, 1952
13. ये ज़िंदगी उसी की है... (अनारकली) सी. रामचन्द्र, 1953
14. ये शाम की तनहाईयाँ... (आह) शंकर जयकिशन, 1953
15. ना मारो नजरिया के बान... (पहली झलक) सी. रामचन्द्र, 1954
16. जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया...(शबाब) नौशाद, 1954
17. न मिलता गम तो बरबादी के अफसाने...(अमर) नौशाद, 1954
18. राधा न बोले न बोले न बोले रे... (आजाद) सी. रामचन्द्र, 1955
19. मनमोहना बड़े झूठे... (सीमा) शंकर जयकिशन, 1955
20. आँखों में समा जाओ इस दिल में...(यास्मीन) सी. रामचन्द्र, 1955
21. जोगिया से प्रीत किये दुख होय... (गरम कोट) पं. अमरनाथ, 1955
22. गुारा हुआ जमाना आता नहीं दुबारा...(शीरीं फरहाद) एस. मोहिन्दर, 1956
23. रसिक बलमा... दिल क्यूँ लगाया... (चोरी-चोरी) शंकर जयकिशन, 1956
24. मैं पिया तेरी तू माने या न माने... (बसन्त बहार) शंकर जयकिशन, 1956
25. छुप गया कोई रे दूर से पुकार के... (चपाकली) हेमन्त कुमार, 1957
26. सब कुछ लुटा के होश में आए... (एक साल) रवि, 1957
27. आ जा रे परदेसी मैं तो कब से खड़ी... (मधुमती) सलिल चौधरी, 1958
28. हम प्यार में जलने वालों को... (जेलर) मदन मोहन, 1958
29. बैरन नींद न आए... (चाचा ज़िन्दाबाद ) मदन मोहन, 1959
30. दिल को लाख सभाला जी...(गेस्ट हाउस) चित्रगुप्त, 1959
31. दिल का खिलौना हाय टूट गया... (गूँज उठी शहनाई) वसन्त देसाई, 1959
32. कैसे दिन बीते कैसे बीती रतियाँ...(अनुराधा) पं. रविशंकर, 1960
33. बेकस पे करम कीजिए सरकारे मदीना... (मुगल-ए-आजम) नौशाद, 1960
34. अजीब दास्ताँ है ये... (दिल अपना और प्रीत पराई) शंकर जयकिशन, 1960
35. ओ सजना बरखा बहार आयी...(परख)सलिल चौधरी, 1960
36. ज्योति कलश छलके... (भाभी की चूड़ियाँ)सुधीर फड़के, 1961
37. जा रे जा रे उड़ रे पंछी...(माया) सलिल चौधरी, 1961
38. अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम... (हम दोनों)जयदेव, 1961
39. ढूँढो-ढूँढो रे साजना मोरे कान का बाला... (गंगा जमुना)नौशाद, 1961
40. एहसान तेरा होगा मुझ पर...(जंगली) शंकर जयकिशन, 1961
41. आपकी नारों ने समझा... (अनपढ़) मदन मोहन, 1962
42. पवन दीवानी न माने उड़ावे मोरा... (डा. विद्या)एस.डी. बर्मन., 1962
43. जुर्मे उल्फत पे हमें लोग सजा देते हैं...(ताजमहल) रोशन, 1963
44. लग जा गले कि फिर ये हसीं रात...(वह कौन थी) मदन मोहन, 1964
45. ए री जाने ना दूँगी... (चित्रलेखा) रोशन, 1964
46. जीवन डोर तुहीं संग बाँधी...(सती सावित्री) लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, 1964
47. ओ बेकरार दिल, हो चुका है मुझको...(कोहरा) हेमन्त कुमार, 1964
48. तुहीं मेरे मन्दिर तुहीं मेरी पूजा...(खानदान) रवि, 1965
49. काँटो से...आज फिर जीने की तमन्ना है... (गाइड) एस.डी. बर्मन., 1965
50. दिल का दीया जला के गया...(आकाशदीप) चित्रगुप्त, 1965
51. अजी रूठकर अब कहाँ जाइयेगा...(आरजू) शंकर जयकिशन, 1965
52. कँकरिया मार के जगाया... (हिमालय की गोद में) कल्याण जी आनन्द जी, 1965
53. रहें न रहें हम महका करेंगे...(ममता) रोशन, 1966
54. नयनों में बदरा छाये... (मेरा साया) मदन मोहन, 1966
55. कुछ दिल ने कहा...(अनुपमा) हेमन्त कुमार, 1966
56. दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें... (बहू बेगम) रोशन, 1967
57. ओ गंगा मैया पार लगा दे... (चन्दन का पलना) आर.डी. बर्मन.,1967
58. रुला के गया सपना मेरा... (ज्वेल थीफ) एस.डी. बर्मन., 1967
59. क्या जानूँ सजन होती है क्या गम की शाम... (बहारों के सपने) आर.डी. बर्मन., 1967
60. छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए... (सरस्वतीचन्द्र) कल्याणजी आनन्द जी, 1968
61. महलों का राजा मिला कि रानी बेटी... (अनोखी रात) रोशन, 1968
62. अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों में... (मेरे हमदद मेरे दोस्त) लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, 1968
63. ना जिया लागे ना... (आनन्द)सलिल चौधरी, 1970
64. बैंया न धरो बलमा...(दस्तक) मदन मोहन, 1970
65. जैसे राधा ने माला जपी श्याम की... (तेरे मेरे सपने) एस.डी. बर्मन., 1971
66. मेघा छाये आधी रात बैरन बन गयी...(शर्मीली) एस.डी. बर्मन., 1971
67. कजरा लगा के बिन्दिया सजा के... (जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली) लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल, 1971
68. तू चन्दा मैं चाँदनी, तू तरुवर मैं शाख रे... (रेशमा और शेरा) जयदेव, 1971
69. रैना बीती जाये श्याम न आये... (अमर प्रेम) आर. डी. बर्मन, 1971
70. ठाढे रहियो ओ बाँके यारे रे...(पाक़ीजा) गुलाम मोहमद, 1971
71. आज सोचा तो आँसू भर आए... (हँसते जम) मदन मोहन, 1973
72. ये दिल और उनकी निगाहों के साए... (प्रेम पर्वत) जयदेव, 1973
73. दो नैनों में आँसू भरे हैं...(खुशबू) आर. डी. बर्मन, 1975
74. अपने आप रातों में चिलमनें सरकती हैं...(शंकर हुसैन) ख़य्याम, 1977
75. ईश्वर सत्य है.... सत्यम शिवम सुन्दरम...(सत्यम शिवम सुन्दरम) लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, 1978
76. जिद न करो अब तो...(लहू के दो रंग) बप्पी लाहिरी, 1979
77. सोलह बरस की बाली उमर को... (एक दूजे के लिए) लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, 1981
78. ये कहाँ आ गये हम... (सिलसिला) शिव हरि, 1981
79. दिखायी दिये यूँ कि बेखुद किया...(बाज़ार) ख़य्याम, 1982
80. ऐ दिले नादां... आरजू क्या है... (रजिया सुल्तान) ख़य्याम, 1983
81. दिल दीवाना बिन सजना के माने न... (मैंने प्यार किया) राम लक्ष्मण, 1989
82. सुनियो जी अरज हारी...(लेकिन) हृदयनाथ मंगेशकर ,1990
83. दिल हम-हम करे घबराये...(रूदाली) भूपेन हजारिका, 1992
84. माई नी माई मुंडेर पे तेरी... (हम आपके हैं कौन) राम लक्ष्मण, 1994
85. लुका-छिपी बहस हुई... (रंग दे बसन्ती) ए.आर.रहमान, 2006

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Frequently Asked Questions

लता मंगेशकर का प्रसिद्ध गाना कौन सा है?
लता मंगेशकर का मशहूर गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों', जिसे सुन प्रधानमंत्री नेहरू की भर आईं थी आंखें भारत के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीतों में शुमार किए जाने वाले 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को पहली बार 27 जनवर
लता मंगेशकर ने कुल कितने गाने गाए थे?
लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं।
लता मंगेशकर का सबसे पहला गाना कौन सा है?
इस गाने का नाम था Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari. गाने को सदाशिवराव नेवरेकर ने मराठी फिल्म किट्टी हसल के लिए 1942 में कम्पोज किया था. गाना डब तो हुआ लता की आवाज में लेकिन फिल्म के फाइनल कट में उसे हटा दिया गया.
लता मंगेशकर का आखिरी गाना कौनसा था?
लता मंगेशकर ने सबसे ज्यादा हिंदी गानों को अपनी मधुर आवाज दी थी। उनके आखिरी फिल्मी गाने की बात की जाए तो यह साल 2006 में रिलीज हुई रंग दे बसंती का गाना लुका छिपी था।
दुनिया में सबसे ज्यादा गाना गायक कौन है?
प्रतिष्ठित भारतीय पार्श्व गायिका लता मंगेशकर ने अपने शानदार करियर के दौरान 14 भाषाओं में 50,000 गाने रिकॉर्ड करने का उल्लेखनीय रिकॉर्ड बनाया है।

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