कैसे करे मोक्षदा एकादशी, जानिए क्या फल मिलता है मोक्षदा एकादशी करने से
मोक्षदा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसे करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।
एकादशी का व्रत दसमी के दिन प्रारम्भ होता है। दशमी के दिन एक बार भोजन ग्रहण करे, और दूसरे दिन सिर्फ फलाहार का सेवन करे, अंत मे तीसरे दिन बारस को एक बार दिन मे भोजन करे। इस तरह एकादशी के व्रत को सम्पन्न किया जाता है।
मोक्षदा एकादशी के व्रत के नियम
व्रत की शुरुआत:
व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी की रात सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
स्नान और पूजा:
प्रातःकाल स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
संकल्प लें:
व्रत के नियमों का पालन करने का संकल्प लें।
भजन और कीर्तन:
दिनभर भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन और ध्यान करें।
अनाज का त्याग:
एकादशी के दिन अन्न और चावल का सेवन न करें।
जागरण करें:
रात को जागरण करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
मोक्षदा एकादशी व्रत का फल
पापों से मुक्ति:
इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं।
मोक्ष प्राप्ति:
आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है।
पुण्य का फल:
व्रत करने वाले व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
पारिवारिक सुख:
परिवार में सुख-शांति का माहौल बनता है।
आध्यात्मिक उन्नति:
व्रत करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है।
मोक्षदा एकादशी के फायदे
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
व्रत से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।