Trending
Monday, 2025 April 28
मोती कब और कैसे धारण करे, जानिए मोती धारण करने के नियम
Updates / 2024/12/10

मोती कब और कैसे धारण करे, जानिए मोती धारण करने के नियम

मोती रत्न ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और इसे चंद्रमा की ऊर्जा को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या अशुभ ग्रहों के प्रभाव में होता है, उन्हें मोती धारण करना चाहिए। चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक होता है, और इसका कमजोर होना मानसिक तनाव, अस्थिरता, और नकारात्मक विचारों को बढ़ा सकता है। मोती धारण करने से इन समस्याओं का समाधान होता है और मन को शांति और स्थिरता मिलती है।

मोती को खासतौर पर उन लोगों को पहनने की सलाह दी जाती है जो मानसिक अस्थिरता, नींद की कमी, आत्मविश्वास की कमी या भावनात्मक असंतुलन का सामना कर रहे हों। यह रत्न क्रिएटिव फील्ड, शिक्षार्थियों और मानसिक कार्यों में लगे लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। मोती न केवल मानसिक तनाव को कम करता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। इसके अलावा, वैवाहिक जीवन में सुख और शांति लाने में भी यह रत्न कारगर माना जाता है।

मोती धारण करने के नियम और इसके फायदे

1. मोती रत्न का महत्व:

मोती रत्न चंद्रमा का प्रतीक है और इसे धारण करने से चंद्रमा की ऊर्जा मजबूत होती है। यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा के कमजोर होने पर जीवन में अस्थिरता, मानसिक तनाव, और नकारात्मकता बढ़ जाती है। ऐसे में मोती रत्न धारण करना बहुत लाभकारी होता है।

2. मोती धारण करने के नियम:

धातु का चुनाव: मोती को हमेशा चांदी की अंगूठी या लॉकेट में धारण करना चाहिए।
शुभ दिन और मुहूर्त: इसे सोमवार के दिन सुबह के समय शुभ मुहूर्त में धारण करें।
अंगूठी पहनने की उंगली: इसे दाहिने हाथ की छोटी उंगली (कनिष्ठा) में पहनें।
पूजा और मंत्र: पहनने से पहले अंगूठी को दूध, गंगाजल, और शुद्ध जल से शुद्ध करें। फिर "ॐ सों सोमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
रत्न का चयन: मोती का वजन कम से कम 5 रत्ती होना चाहिए और यह चिकना और चमकदार होना चाहिए।

3. मोती धारण करने के लाभ:

  • मानसिक तनाव को कम करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
  • भावनात्मक अस्थिरता को दूर करता है और शांति प्रदान करता है।
  • नींद की समस्या को ठीक करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।
  • विद्यार्थियों और क्रिएटिव क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न बेहद लाभकारी होता है।

4. किन लोगों को मोती धारण करना चाहिए:

  • जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो।
  • जिनका जन्म कुर्क राशि में हुआ हो।
  • जिन लोगों को मानसिक तनाव, डर, या भावनात्मक असंतुलन हो।

5. मोती धारण करने के बाद सावधानियां:

  • मोती को कभी भी खरोंच से बचाएं और इसे नियमित रूप से साफ करें।
  • इसे अमावस्या और ग्रहण के समय न पहनें।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए इसे साफ पानी में कुछ देर डुबोकर रखें।

मोती रत्न को धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी है, ताकि यह आपकी कुंडली के अनुसार सही प्रभाव डाल सके। इन नियमों का पालन कर आप जीवन में मानसिक शांति, सकारात्मकता, और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।


Frequently Asked Questions

मोती किसे धारण करना चाहिए?
मोती रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो।
मोती धारण करने का शुभ दिन कौन सा है?
सोमवार को मोती धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
मोती पहनने का सही तरीका क्या है?
मोती को चांदी की अंगूठी में धारण करें और इसे दाहिने हाथ की छोटी उंगली में पहनें।
मोती रत्न के मुख्य लाभ क्या हैं?
यह मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन, और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।
मोती का आकार और वजन कितना होना चाहिए?
मोती का वजन कम से कम 5 रत्ती होना चाहिए और इसे कुंडली के अनुसार चुनना चाहिए।

Tranding


HappyZindagi

contact@happyzindagi.com

© Happy Zindagi. All Rights Reserved.