कौन हैं नोएल टाटा, जो संभालेंगे टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी और रतन टाटा की विरासत?
11 October 2024, टाटा ग्रुप का नाम भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पुरातन व्यापारिक समूहों में शुमार है। इस ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी, और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में रतन टाटा का अहम योगदान रहा है। अब, यह जिम्मेदारी उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के कंधों पर आ सकती है। आइए जानते हैं, कौन हैं नोएल टाटा और क्यों उन्हें टाटा ग्रुप की विरासत संभालने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
रतन टाटा के सौतेले भाई है नोएल टाटा
नोएल टाटा का जन्म 1957 में हुआ और वे रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। उनके पिता नोएल विवियन टाटा और मां सिमोन टाटा थीं। उनका शिक्षा-दीक्षा विदेश में हुआ और उन्होंने अपना करियर टाटा ग्रुप के साथ शुरू किया। उनकी पत्नी आयशा टाटा परिवार के ही सदस्य साइरस मिस्त्री की बहन हैं, जिससे उनका टाटा परिवार के साथ गहरा संबंध बनता है।
नोएल टाटा का करियर
नोएल टाटा ने 1986 में टाटा इंटरनेशनल में अपने करियर की शुरुआत की। वे टाटा ग्रुप के प्रमुख विभागों में काम करते हुए टाटा इंटरनेशनल के अध्यक्ष बने। उन्होंने टाटा समूह के फैशन और रिटेल विभागों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। नोएल टाटा ट्रेंट लिमिटेड के भी चेयरमैन हैं, जो टाटा ग्रुप की एक महत्वपूर्ण रिटेल कंपनी है।
टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी
रतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी कौन संभालेगा, यह एक बड़ा सवाल रहा है। हालांकि साइरस मिस्त्री के बाद नोएल टाटा का नाम प्रमुख दावेदारों में से एक माना गया है। नोएल की मजबूत प्रबंधन क्षमताओं और ग्रुप के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी इसलिए उन्होंने टाटा ट्रस्ट में किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं बताया. ऐसे में नोएल टाटा की नियुक्ति बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 66% हिस्सेदारी है, जो 150 साल से अधिक पुराने टाटा ब्रांड के तहत विभिन्न फर्मों की होल्डिंग कंपनी है.
नोएल टाटा का टाटा ग्रुप में योगदान
नोएल टाटा ने टाटा ग्रुप के कई प्रमुख क्षेत्रों में काम किया है और अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने टाटा इंटरनेशनल और ट्रेंट जैसी कंपनियों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप के कई बिजनेस बढ़े और नए क्षेत्रों में विस्तार हुआ।