पथरी निकालने के लिए प्राकृतिक उपाय, लक्षण और पेय पदार्थ।
पथरी एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें किडनी में छोटे-छोटे पत्थर या संकटपूर्ण तत्व बन जाते हैं। यह समस्या कभी-कभी बिना किसी संकेत के हो सकती है, जबकि कई बार इसके साथ दर्द, मूत्र में संकरमण, तीव्र इच्छा मूत्र करने की आवश्यकता, या पेशाब में रक्त आदि के लक्षण भी होते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको पथरी के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय और सावधानियों के बारे में बताएंगे।
पथरी निकालने के लिए प्राकृतिक उपाय
पानी पीना: पानी पीना पथरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सरल उपाय है। यदि आपको पथरी है या आप उससे बचना चाहते हैं, तो रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
नींबू पानी: नींबू पानी पथरी को टूटने से रोकने में मदद कर सकता है। नींबू में विटामिन सी की मात्रा होती है जो कैल्शियम और पत्थर के निकालने में सहायक होती है। रोजाना गर्म पानी में आधा नींबू का रस निकालें और इसे खाली पेट पीएं। इससे पथरी के तत्व तोड़े जाने की संभावना होती है।
पथरी रोकने के लिए आहार: आपके आहार में कुछ परिवर्तन करने से आप पथरी को रोक सकते हैं। अधिकतम फल और सब्जियों का सेवन करें, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर आहार लें। अधिक प्रोटीन और पुष्टिकर आहार लें जैसे कि दूध, दही, मांस, दालें, और अनाज। तत्वों को तोड़ने में मदद करने के लिए अधिकतम पानी पिएं और कैफीनी और अल्कोहलिक पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
पेय पदार्थों का सेवन: कुछ पेय पदार्थ पथरी को टूटने में मदद कर सकते हैं। ये पदार्थ पथरी के तत्वों को पिघलाने और पास करने में सहायता कर सकते हैं। गन्ने का रस, पुदीना जूस, नींबु पानी, तुलसी का काढ़ा इत्यादि पीए।
प्राकृतिक औषधि: कुछ प्राकृतिक औषधियाँ पथरी के इलाज में मदद कर सकती हैं। पथरी रोगियों के लिए पशुपाखी गोखरू, पशनभेद, और श्वेत पर्णी का चूर्ण बहुत उपयोगी हो सकता है। आप इन्हें अच्छी प्रकार से पदार्थों में मिलाकर और दवाई के रूप में उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, पहले अपने वैद्य से परामर्श लें और उचित मात्रा और उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
योग और व्यायाम: योग और व्यायाम पथरी के लिए आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और पथरी के ज्ञात लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। कुछ योगासन जैसे पवनमुक्तासन, वज्रासन, भुजंगासन, और धनुरासन पथरी के उपचार में सहायक हो सकते हैं। इसके साथ ही, नियमित शारीरिक गतिविधि करना आपके मूत्रमार्ग को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
पथरी निकलने के लिए पेय पदार्थ
पानी: पानी पथरी को टूटने में मदद कर सकता है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। यह मूत्रमार्ग को स्वच्छ रखने में मदद करता है और पथरी को बाहर निकालने में सहायता प्रदान कर सकता है।
नींबू पानी: नींबू पानी में मौजूद विटामिन सी पथरी को टूटने में मदद कर सकता है। रोजाना गर्म पानी में आधा नींबू का रस निकालें और इसे खाली पेट पीएं। यह पथरी के तत्वों को तोड़ने में मदद कर सकता है।
पुनर्नवा रस: पुनर्नवा पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। रोजाना एक चम्मच पुनर्नवा के रस को पानी के साथ मिलाकर पीएं। यह मूत्रमार्ग को साफ़ करने में मदद करता है और पथरी को टूटने में सहायता प्रदान कर सकता है।
कोकामुट्र: कोकामुट्र पथरी को टूटने में मदद कर सकता है। रोजाना एक कोकामुट्र का जूस पीएं या फिर कोकामुट्र की गोलियाँ उपयोग करें। कोकामुट्र की गोलियों को दूध के साथ लेने से पथरी को टूटने में मदद मिल सकती है। यह पथरी के तत्वों को पिघलाने और पास करने में सहायता कर सकती है।
पुदीना पानी: पुदीना पानी पथरी से राहत प्रदान कर सकता है। एक कप गर्म पानी में कुछ पुदीना पत्तियाँ डालें और इसे 15-20 मिनट तक उबालें। फिर इसे ठंडा करें और दिन में कई बार पीएं। यह मूत्रमार्ग को स्वच्छ रखने में मदद करता है और पथरी को टूटने में सहायता प्रदान कर सकता है।
शहद और नींबू: एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और एक नींबू का रस मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में कई बार पीने से पथरी को टूटने में मदद मिल सकती है। शहद और नींबू में मौजूद गुण पथरी के तत्वों को तोड़ने और मूत्रमार्ग को स्वच्छ रखने में मदद कर सकते हैं।
तुलसी काढ़ा: तुलसी के पत्तों का काढ़ा पिने से पथरी को टूटने में सहायता मिल सकती है। कुछ तुलसी के पत्ते एक कप पानी में उबालें और तुलसी काढ़े को ठंडा करें और दिन में दो या तीन बार पीएं। तुलसी में मौजूद विशेष गुण पथरी को तोड़ने और मूत्रमार्ग को स्वच्छ रखने में मदद कर सकते हैं।
यदि आप पथरी से पीड़ित हैं, तो विशेषज्ञ वैद्य द्वारा निर्धारित उपचार और दवाओं का भी सेवन करें। वैद्य के सलाह के बिना किसी भी उपाय का प्रयोग न करें।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने पथरी के लिए प्राकृतिक उपाय पर चर्चा की है। यह उपाय आपको पथरी को निकालने और उसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि यह आपके वैद्य के सलाह और निर्देशों के साथ मेल खाना चाहिए। इसलिए, पथरी से पीड़ित होने पर सबसे पहले अपने वैद्य से परामर्श लें और उनके सलाह का पालन करें।
पथरी के लक्षण
मूत्रमार्ग में दर्द: पथरी के मूत्रमार्ग में उत्पन्न होने के कारण व्यक्ति बार-बार मूत्रमार्ग में दर्द का अनुभव करता है। यह दर्द हावभाव समय के साथ बदल सकता है और कई बार यह दर्द पीठ, पेट या कमर तक भी फैल सकता है। दर्द की अधिकता आपके पथरी के आकार और स्थान पर निर्भर करेगी।
पेशाब के साथ रंग और असामान्य बाहरी पदार्थ: पथरी से पीड़ित व्यक्ति का पेशाब पीला आता है। आमतौर पर, पथरी से प्रभावित होने वाले व्यक्ति का पेशाब पीला, पीला-हरा या दूधीय रंग का हो सकता है। यह रंग बहुत सामान्य नहीं होता है और यदि आपको ऐसा लगता है कि आपका पेशाब असामान्य रंग का हो रहा है, तो आपको तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
बार-बार पेशाब का आवागमन: पथरी के मूत्रमार्ग में बने पत्थर के कारण, व्यक्ति को आमतौर पर बार-बार पेशाब का आवागमन होता है। इसके साथ ही पेशाब के समय आपको जलन या खुजली की समस्या भी हो सकती है।
उल्टी या वांजिका की समस्या: कुछ लोगों में पथरी के कारण उल्टी या वांजिका (उल्लेखनीय वायु की समस्या) की समस्या हो सकती है। यह लक्षण पथरी के एक और संभावित प्रकार को दर्शाता है और उपचार के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए, यदि आपको इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो आपको तुरंत एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी जांच करेंगे, आपके लक्षणों का मूल कारण निर्धारित करेंगे और आपको उचित उपचार की सलाह देंगे।
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