पीतल के बर्तन में खाना पकाने के दौरान जरूरी सावधानियाँ और टिप्स / Things to keep in mind while cooking in brass utensils
पीतल के बर्तन प्राचीन काल से भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। इन बर्तनों में खाना पकाने का प्रचलन पुराने समय से चला आ रहा है क्योंकि यह बर्तन सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। हालांकि, पीतल के बर्तन का सही उपयोग और उनकी देखभाल करना जरूरी है, ताकि इनका लाभ उठाया जा सके और किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि पीतल के बर्तन में खाना बनाते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ अपनानी चाहिए।
1. पीतल के बर्तन में खाना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
अम्लीय पदार्थ न पकाएँ: पीतल के बर्तन में कभी भी अम्लीय पदार्थ जैसे इमली, टमाटर, नींबू, या सिरका नहीं पकाना चाहिए। इन पदार्थों में मौजूद अम्ल पीतल के साथ प्रतिक्रिया करके हानिकारक तत्व उत्पन्न कर सकते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
खाना पकाने का समय सीमित रखें: पीतल के बर्तन में खाना बनाने का समय सीमित रखें। लंबी अवधि तक खाना पकाने से पीतल का रासायनिक प्रभाव खाने पर पड़ सकता है, जिससे सेहत पर असर पड़ सकता है।
अच्छी तरह से तांबे की परत लगाएँ: बाजार में उपलब्ध पीतल के बर्तनों में अधिकतर तांबे की परत होती है, ताकि खाना पकाने के दौरान कोई हानिकारक प्रतिक्रिया न हो। खाना बनाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि तांबे की परत में कोई टूट-फूट नहीं है।
2. पीतल के बर्तनों की देखभाल
साफ सफाई में सावधानी बरतें: पीतल के बर्तनों की सफाई के लिए साबुन का उपयोग न करें क्योंकि यह उनके प्राकृतिक गुणों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बजाय नींबू और नमक का पेस्ट बनाकर हल्के हाथों से रगड़ें और फिर पानी से धो लें।
तेल का लेप: बर्तनों की चमक बनाए रखने के लिए इनमें हल्का सरसों या नारियल का तेल लगाकर सूखे कपड़े से पोंछें। इससे पीतल के बर्तनों पर जंग नहीं लगेगी और वे लंबे समय तक अच्छे बने रहेंगे।
3. पीतल के बर्तनों के लाभ
पोषण का संतुलन: पीतल के बर्तन से तांबे और जिंक का संतुलन शरीर में बना रहता है। तांबा शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होता है और जिंक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
पारंपरिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: आयुर्वेद में पीतल के बर्तनों में पकाए गए भोजन को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। यह पाचन तंत्र को सही रखने में सहायक होता है।
4. ध्यान रखने योग्य बातें और सावधानियाँ
ध्यानपूर्वक प्रयोग करें: यदि आप पीतल के बर्तन में पहली बार खाना पका रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पकाने के बाद उसका स्वाद और रंग अलग न लगे। यदि ऐसा लगे तो बर्तन की गुणवत्ता की जाँच करवाएँ।
बर्तन का समय-समय पर निरीक्षण करें: पीतल के बर्तन में समय के साथ टूट-फूट हो सकती है। इसलिए, समय-समय पर उनकी जाँच करते रहें और टूट-फूट को ठीक करवा लें।
भोजन को लंबे समय तक न रखें: पीतल के बर्तन में पकाए गए भोजन को अधिक समय तक न रखें, इससे भोजन का स्वाद और पोषण दोनों में कमी आ सकती है।
पीतल के बर्तन में खाना बनाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन इसके साथ कुछ आवश्यक सावधानियाँ बरतना भी जरूरी है। ऊपर दिए गए सुझावों को अपनाकर आप न केवल अपने भोजन का स्वाद बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।