पीतल के बर्तन में पानी पीने के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ / Amazing health benefits of drinking water in brass vessel
भारतीय परंपरा में पीतल के बर्तन का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है। आधुनिक युग में, हालांकि स्टील और प्लास्टिक के बर्तन अधिक प्रचलित हो गए हैं, लेकिन पीतल के बर्तन का महत्व आज भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बरकरार है। पीतल के बर्तन में पानी पीना न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक उपचार भी माना गया है। आइए जानते हैं, पीतल के बर्तन में पानी पीने से कौन-कौन से लाभ होते हैं और इसके पीछे का विज्ञान क्या है।
1. पीतल के बर्तन में पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
पीतल में तांबा (कॉपर) और जिंक की मात्रा पाई जाती है। तांबा एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल तत्व है जो शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करता है। रोज पीतल के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में बैक्टीरिया का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति बीमारियों से सुरक्षित रहता है।
पाचन तंत्र में सुधार करता है
पीतल का पानी पीने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। यह पित्ताशय को सक्रिय करता है और खाने को पचाने में मदद करता है। यदि आप रोजाना सुबह खाली पेट पीतल के बर्तन में रखा पानी पीते हैं तो पाचन संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं।
शरीर को संतुलित करता है
आयुर्वेद के अनुसार, पीतल का पानी शरीर के तीन दोष - वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। पीतल में पानी रखने से इन तत्वों का संतुलन बना रहता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है
तांबा एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर के भीतर विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और त्वचा को स्वस्थ व चमकदार बनाता है।
2. पीतल के बर्तन में पानी पीने का सही तरीका
रात भर रखें: पीतल के बर्तन में पानी को रातभर रखें और सुबह इसे पिएं। इससे पानी में मौजूद आवश्यक तत्व आपके शरीर को लाभ देंगे।
खाली पेट पिएं: पीतल के बर्तन में रखा पानी सुबह खाली पेट पीना चाहिए, ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
4-6 घंटे तक ही रखें: पानी को पीतल के बर्तन में 4 से 6 घंटे तक ही रखना चाहिए। इससे अधिक समय तक पानी रखना उचित नहीं होता।
3. ध्यान रखने योग्य बातें
तेजाब वाले पदार्थों से बचें: पीतल के बर्तन में कोई अम्लीय पदार्थ (नींबू, सिरका आदि) का सेवन न करें, इससे बर्तन खराब हो सकता है और आपकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें: पीतल के बर्तन को हमेशा साफ रखें। नींबू और नमक से इसे साफ करना एक अच्छा तरीका है, जिससे बर्तन का चमक बरकरार रहती है।
लंबे समय तक पानी न रखें: जैसा कि पहले बताया गया है, पानी को पीतल के बर्तन में 4-6 घंटे से अधिक समय तक न रखें। इससे पानी में मौजूद तत्वों का संतुलन बिगड़ सकता है।
पीतल के बर्तन में पानी पीना स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी है। यह न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। यदि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो रोज पीतल के बर्तन में रखा पानी पिएं। इसके सही उपयोग और नियमितता से आप अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं।