पुखराज रत्न किस उंगली में पहनें और इसके अद्भुत लाभ
पुखराज (Yellow Sapphire) एक बेहद शुभ और शक्तिशाली रत्न है, जो गुरु ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित है। इसे पहनने से जीवन में ज्ञान, समृद्धि और वैवाहिक सुख मिलता है। लेकिन इसे पहनने से पहले सही जानकारी होना आवश्यक है, जैसे कि इसे किस उंगली में पहनना चाहिए और पहनने का सही तरीका क्या है।
पुखराज किस उंगली में पहना जाता है?
पुखराज रत्न को दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली (Index Finger) में पहनना चाहिए।
तर्जनी उंगली गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है।
इस उंगली में पुखराज पहनने से गुरु ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
यदि किसी कारणवश तर्जनी उंगली में पहनना संभव न हो, तो इसे अंगूठे में भी धारण किया जा सकता है (ज्योतिषीय सलाह के बाद)।
पुखराज पहनने का सही तरीका
दिन और समय:
गुरुवार को सुबह सूर्योदय के समय पुखराज धारण करना शुभ माना जाता है।
धातु:
पुखराज को सोने या चांदी में जड़वाना चाहिए।
वजन:
पुखराज का वजन कम से कम 5 रत्ती (1 कैरेट = 0.2 ग्राम) होना चाहिए।
पवित्रता:
इसे पहनने से पहले गंगाजल या दूध से शुद्ध करें।
मंत्र जाप करें:
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” (108 बार)।
स्थान:
इसे पूजा स्थल पर रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें और रत्न को धारण करें।
पुखराज पहनने के लाभ
आर्थिक समृद्धि:
धन संबंधित समस्याओं को दूर करता है और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
वैवाहिक सुख:
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समझ बढ़ाता है।
स्वास्थ्य लाभ:
लीवर, त्वचा और पेट से संबंधित बीमारियों में फायदेमंद।
शिक्षा और ज्ञान:
विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए यह रत्न विशेष रूप से लाभकारी है।
करियर में प्रगति:
गुरु की ऊर्जा को बढ़ाकर करियर और व्यवसाय में उन्नति करता है।
पुखराज रत्न धारण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। हालांकि, इसे धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना न भूलें। सही रत्न और सही उंगली में इसे पहनने से यह आपकी ऊर्जा को बढ़ाकर सफलता दिलाने में मदद करता है।