Trending
Monday, 2024 December 02
रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है? कैसे शुरू यह त्योहार
Updates / 2024/08/18

रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है? कैसे शुरू यह त्योहार

रक्षाबंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं। भाई, बदले में, अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है और इसके पीछे की पौराणिक कथाएँ क्या हैं? आइए जानते हैं इस त्योहार की धार्मिक और पौराणिक महत्व के बारे में।



रक्षाबंधन के पीछे की प्रमुख पौराणिक कथाएँ

इंद्राणी और इंद्र की कथा:
भविष्य पुराण में इंद्र देवता की पत्नी शुचि ने उन्हें राखी बांधी थी. एक बार देवराज इंद्र और दानवों के बीच एक भयानक युद्ध हुआ था. दानव जीतने लगे तो देवराज इंद्र की पत्नी शुचि ने गुरु बृहस्पति से कहा कि वे देवराज इंद्र की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांध दें. तब इंद्र ने इस रक्षासूत्र से अपने और अपनी सेना को बचाया. वहीं, एक और कहानी के अनुसार, राजा इंद्र और राक्षसों के बीच एक क्रूर युद्ध हुआ, जिसमें इंद्र पराजित हो गए. इंद्र की पत्नी ने गुरु बृहस्पति से कहा कि शुचि इंद्र की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांध दे. राजा इंद्र ने इस रक्षा सूत्र से ही राक्षसों को हराया था. रक्षाबंधन का त्योहार तब से मनाया जाता था.


कृष्ण और द्रौपदी की कथा:
महाभारत काल में, जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तो उनके हाथ से खून बहने लगा। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। इस घटना से प्रभावित होकर, कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया। जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब कृष्ण ने उनकी रक्षा की। यह घटना रक्षाबंधन के महत्व को और बढ़ा देती है।


यम और यमुनोत्री की कथा:
यमराज और उनकी बहन यमुनोत्री के बीच का प्रेम भी रक्षाबंधन से जुड़ा हुआ है। यमुनोत्री ने अपने भाई यमराज को राखी बांधकर अमरता का वरदान प्राप्त किया। इस कारण यमुनोत्री को राखी बांधने के बाद यमराज ने उसे अमरता का आशीर्वाद दिया और कहा कि जो भाई-बहन इस दिन राखी बांधेंगे, वे अमर हो जाएंगे। इस कारण रक्षाबंधन को भाई-बहन के बीच अमर प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

संतोषी माता की कथा:
संतोषी माता की कथा भी रक्षाबंधन से जुड़ी हुई है। यह कथा बताती है कि कैसे भाई-बहन के बीच के प्रेम ने संतोषी माता की कृपा प्राप्त की। यह कथा भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाती है, जो रक्षाबंधन के दिन मनाया जाता है।

हुमायूं और कर्णावती की कहानी

मध्यकालीन भारत यानी राजस्थान से इसकी शुरुआत हुई और यह पर्व समाज के हर हिस्से में मनाया जाने लगा. इसका श्रेय जाता है मेवाड़ की महारानी कर्णावती को. उस समय चारों ओर एकदूसरे का राज्य हथियाने के लिए मारकाट चल रही थी. मेवाड़ पर महाराज की विधवा रानी कर्णावती राजगद्दी पर बैठी थीं. गुजरात का सुल्तान बहादुर शाह उनके राज्य पर नजरें गड़ाए बैठा था. तब रानी ने हुमायूं को भाई मानकर राखी भेजी. हुमायूं ने बहादुर शाह से रानी कर्णावती के राज्य की रक्षा की और राखी की लाज रखी. मान्यता है कि तभी से राखी बांधने कि परंपरा शुरू हुई.


राखी और सिकंदर की कहानी

दरअसल, सिकंदर की पत्नी ने हिंदू शासक पुरु को राखी बांधकर उसे अपना भाई बनाया. फिर एक दिन सिकंदर और हिंदू राजा पुरु के बीच युद्ध छिड़ गया. युद्ध के दौरान पुरु ने राखी के प्रति अपना स्नेह और अपनी बहन से किए वादे का सम्मान करते हुए सिकंदर को अपना जीवनदान दे दिया.

रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व

रक्षाबंधन केवल एक सामाजिक त्योहार नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक महत्व भी है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है और उन्हें एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। इसके अलावा, रक्षाबंधन के दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान और पूजाएं भाई-बहन के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने का आशीर्वाद देती हैं।

निष्कर्ष

रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जो भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है। इसके पीछे की पौराणिक कथाएँ इस पर्व के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ाती हैं। इन कथाओं से हमें यह सिखने को मिलता है कि राखी केवल एक धागा नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा, प्रेम, और समर्पण का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के बीच का यह पवित्र बंधन और भी मजबूत होता है और उन्हें जीवन भर साथ निभाने का संकल्प देता है।

Tags- रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है, रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएँ, रक्षाबंधन का महत्व, रक्षाबंधन की कहानी, रक्षाबंधन का इतिहास, रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व, rakshabandhan kyu manaya jata hai


Frequently Asked Questions

रक्षाबंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मनाने के लिए मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं।
रक्षाबंधन के पीछे कौन सी प्रमुख पौराणिक कथा है?
रक्षाबंधन के पीछे सबसे प्रमुख पौराणिक कथा इंद्राणी और इंद्र की है, जिसमें इंद्राणी ने रक्षासूत्र बांधकर इंद्र को युद्ध में विजय दिलाई थी।
रक्षाबंधन के अन्य धार्मिक संदर्भ क्या हैं?
रक्षाबंधन से जुड़े अन्य धार्मिक संदर्भों में कृष्ण और द्रौपदी, यम और यमुनोत्री, और संतोषी माता की कथा शामिल हैं।
रक्षाबंधन का इतिहास क्या है?
रक्षाबंधन का इतिहास वेदों और पुराणों में मिलता है, जो इसे एक प्राचीन और महत्वपूर्ण त्योहार बनाता है।
रक्षाबंधन के दिन कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं?
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, और भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। इसके साथ ही मिठाई बांटी जाती है और परिवार के बीच प्यार और सौहार्द्र का आदान-प्रदान होता है।

Tranding


HappyZindagi

contact@happyzindagi.com

© Happy Zindagi. All Rights Reserved.