Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी 2024 तारीख और पारण का सही समय / जानिए रमा एकादशी के अद्भुत फल
रमा एकादशी, जिसे कुछ जगहों पर 'कामदा एकादशी' भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त होते हैं और उसे विष्णु लोक में स्थान मिलता है।
रमा एकादशी व्रत की तिथि 2024:
रमा एकादशी 2024 में 27 अक्टूबर को शुरू होगी। एकादशी 28 अक्टूबर को है। इसका समापन 29 अक्टूबर को होगा।
कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी।
रमा एकादशी व्रत का पारण कब है:
एकादशी व्रत का पारण दूसरे दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में रमा एकादशी का पारण 29 अक्टूबर को किया जाएगा। रमा एकादशी व्रत पारण का समय 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 मिनट से सुबह 8:44 मिनट तक का रहेगा। इस दिन द्वादशी तिथि सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि:
प्रातः स्नान: व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा: इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाकर उनकी पूजा करें। उन्हें पुष्प, फल, और तुलसी दल अर्पित करें।
मंत्र जाप: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है।
व्रत: इस दिन उपवास करें और फलाहार लें। अन्न का सेवन न करें। अगर पूर्ण उपवास नहीं कर सकते, तो सिर्फ फल और जल का सेवन करें।
संध्या पूजा: दिनभर भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करें और संध्या के समय पुनः विष्णु जी की पूजा करें।
रमा एकादशी के लाभ:
- रमा एकादशी व्रत से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है।
- इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त होते हैं।
- भगवान विष्णु की कृपा से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- यह व्रत परिवार में समृद्धि और खुशहाली लाता है।
रमा एकादशी व्रत का फल:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत धन, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को विष्णु लोक में स्थान मिलता है और वह मोक्ष प्राप्त करता है।