सम्राट अशोका की 9 रहस्यमयी किताबे और उनमे किया गया उल्लेख
सम्राट अशोक का जन्म लगभग 304 ईसा पूर्व मौर्य वंश के महान सम्राट बिंदुसार और उनकी रानी धर्मा के घर हुआ था। अशोक का जन्म पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) में हुआ, जो मौर्य साम्राज्य की राजधानी थी। कहा जाता है कि उनका जन्म एक सामान्य राजकुमार की तरह हुआ था, लेकिन उनकी माता धर्मा ने भविष्यवाणी की थी कि अशोक एक दिन एक महान सम्राट बनेंगे। बाल्यकाल से ही अशोक बुद्धिमान, साहसी और जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे।
अशोक ने शिक्षा और युद्धकला में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। वे शस्त्र विद्या, राजनीति और प्रशासन में निपुण हो गए थे। उनकी कुशाग्र बुद्धि और रणनीतिक सोच के कारण उन्होंने अपने परिवार और शिक्षकों का ध्यान आकर्षित किया। अपने बचपन में ही अशोक ने वह गुण दिखाए, जो उन्हें भविष्य में महान शासक बनने के योग्य बनाते थे।
सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के सबसे महान सम्राटों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने न केवल विशाल साम्राज्य का निर्माण किया, बल्कि गुप्त विद्याओं के संरक्षण और उपयोग के लिए भी प्रसिद्ध हुए। ये गुप्त विद्याएं उनके शासन और नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं।
कलिंग युद्ध
कलिंग युद्ध, भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना, 261 ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक और ओडिशा के कलिंग राज्य के बीच लड़ा गया। यह युद्ध न केवल अपने व्यापक रक्तपात और विनाश के लिए जाना जाता है, बल्कि अशोक के जीवन में आए परिवर्तन के लिए भी प्रसिद्ध है। कलिंग एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राज्य था जो व्यापार और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। अशोक ने मौर्य साम्राज्य का विस्तार करने और कलिंग के महत्वपूर्ण बंदरगाहों को अपने नियंत्रण में लेने के लिए इस युद्ध की योजना बनाई।
युद्ध के दौरान लाखों सैनिक और आम नागरिक मारे गए। कहा जाता है कि लगभग 1 लाख लोग मारे गए, 1.5 लाख को बंदी बनाया गया और असंख्य लोग विस्थापित हुए। इस व्यापक विनाश और पीड़ा ने अशोक को गहराई से प्रभावित किया। कलिंग युद्ध के बाद रक्तपात और मानवीय त्रासदी ने अशोक के भीतर गहरा परिवर्तन ला दिया। उन्होंने अहिंसा और बौद्ध धर्म का पालन करने का निर्णय लिया और जीवनभर धर्म, शांति और करुणा का प्रचार किया।
अशोक और नौ अज्ञात पुरुष
सम्राट अशोक के 9 अज्ञात रत्नों का उल्लेख भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं में रहस्यमयी रूप से किया गया है। यह माना जाता है कि अशोक ने इन नौ विद्वानों का गठन कलिंग युद्ध के बाद किया था। इनका मुख्य उद्देश्य ज्ञान को संरक्षित करना और इसे गलत हाथों में जाने से बचाना था। इन विद्वानों को अलग-अलग विषयों का विशेषज्ञ माना जाता था, जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान, चिकित्सा, सैन्य रणनीति, रहस्यमयी विज्ञान, और परामनोविज्ञान। ये नौ रत्न अपनी-अपनी विद्या को गुप्त रूप से संरक्षित करते थे और उसे समाज के कल्याण के लिए उपयोग करते थे।
यह भी माना जाता है कि इन 9 अज्ञात रत्नों ने कई प्राचीन ग्रंथों और आविष्कारों की रचना की, जो आज भी आधुनिक विज्ञान और तकनीक के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उदाहरण के लिए, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा उत्पादन, और संचार के प्राचीन रहस्यों पर इनकी गहरी समझ थी। अशोक के इन 9 रत्नों के बारे में इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के बीच आज भी चर्चा होती है, और यह समूह भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी रहस्यमय गाथाओं में से एक बना हुआ है।
गुप्त विद्याओं का परिचय
अशोक की गुप्त विद्याएं उन गहरे और रहस्यमय ज्ञानों का संग्रह थीं, जो विज्ञान, कला, चिकित्सा और आध्यात्मिकता से संबंधित थीं। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने इन विद्याओं का उपयोग समाज के कल्याण और साम्राज्य को सुदृढ़ बनाने के लिए किया।
ऐसा कहा जाता है कि अशोक ने 9 गुप्त ग्रंथों का संग्रह किया था, जिन्हें "नौ अज्ञात पुरुषों" के नाम से भी जाना जाता है। ये ग्रंथ विभिन्न विषयों पर आधारित थे, जैसे:
1. फिजियोलॉजी: इस पुस्तक में शरीर विज्ञान को कवर किया गया है और यह प्रदर्शित किया गया है कि किसी को केवल छूकर हत्या कैसे की जाती है, एक तकनीक जिसे “द टच ऑफ डेथ” के रूप में जाना जाता है, जिसमें तंत्रिका आवेग को उलटना शामिल है। यह भी कहा जाता है कि इस किताब के लीक होने से जूडो की मार्शल आर्ट निकली।
फिजियोलॉजी (Physiology) विज्ञान की वह शाखा है जो जीवों के शारीरिक कार्यों और उनके अंदर होने वाली प्रक्रियाओं का अध्ययन करती है। यह मानव शरीर, जानवरों, पौधों और सूक्ष्मजीवों के कार्यों को समझने और विश्लेषण करने में मदद करती है। फिजियोलॉजी में यह जानने की कोशिश की जाती है कि कैसे शरीर की विभिन्न प्रणालियां, जैसे हृदय, मस्तिष्क, पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, और तंत्रिका तंत्र आपस में जुड़कर शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती हैं।
फिजियोलॉजी के अध्ययन का उपयोग चिकित्सा विज्ञान, खेल विज्ञान, और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। यह न केवल स्वस्थ शरीर की प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है, बल्कि बीमारियों और विकारों के उपचार में भी सहायता प्रदान करता है। इस विज्ञान के जरिए नई दवाओं, चिकित्सा पद्धतियों और स्वास्थ्य सुधार तकनीकों को विकसित किया जाता है। फिजियोलॉजी के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि हमारे शरीर की मशीनरी कैसे काम करती है और इसे बेहतर बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
2. संचार: इस पुस्तक में संचार विधियों का अध्ययन शामिल था। वह एक स्थलीय और एक विदेशी प्राणी दोनों है। इसके अनुसार नाइन अननोन एलियंस और बाहरी दुनिया से वाकिफ थे।
सम्राट अशोक के 9 अज्ञात रत्नों (नाइन अननोन) के बारे में माना जाता है कि उन्होंने संचार की अद्भुत और अद्वितीय विधाओं का अध्ययन और विकास किया था। ऐसा कहा जाता है कि यह समूह न केवल पृथ्वी पर मौजूद भाषाओं और संकेतों को समझने में सक्षम था, बल्कि बाहरी दुनिया, अर्थात एलियंस और विदेशी सभ्यताओं के साथ संवाद स्थापित करने की भी क्षमता रखता था।