शरद ऋतु का वर्णन विस्तार मे
शरद ऋतु: भारत में 6 ऋतुओं में सबसे ठंडी ऋतु होती है। यह दिसम्बर के महीने में पड़ती है और मार्च में होली के दौरान खत्म होती है। दिसम्बर और जनवरी को शरद ऋतु के सबसे ठंडे महीने माना जाता है। यह पतझड़ के मौसम के बाद आती है और वसंत ऋतु (बाद में ग्रीष्म ऋतु) से पहले समाप्त हो जाती है। हम आमतौर पर, इसे दीवाली के त्योहार (शरद ऋतु की शुरुआत) से होली के त्योहार (शरद ऋतु की समाप्ति) तक वातावरण के तापमान में निरंतर कमी के द्वारा महसूस करते हैं।
हमें शीतऋतु की चरम सीमा के महीने में उच्च स्तरीय ठंड और तेज सर्द हवाओं का सामना करना पड़ता है। हम वातावरण में दिन और रात के दौरान बड़े स्तर पर तापमान में परिवर्तन देखते हैं, रातें लम्बी होती है और दिन छोटे होते हैं। आसमान साफ दिखता है हालांकि, कभी-कभी सर्दी के चरमोत्कर्ष पर पूरे दिन धुंध या कोहरा रहता है। कभी-कभी शीतऋतु में बारिश भी होती है और स्थिति को और भी अधिक बुरा बना देती है।
शीतऋतु का आगमन
सर्दी का मौसमअक्टूबरके अंतमें शुरु होता है और मार्चके प्रारम्भ में खत्म होता है।सभी सर्दी के मौसम के दौरान शरीर को गर्म रखने के लिए मोटे ऊनी कपड़े पहनते हैं।
यह पतझड़ के बाद शुरु होती है और वसंत ऋतु के आगमन पर समाप्त होती है। हम वातावरण में शरद ऋतु के दौरान अन्य मौसमों की तुलना में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखते हैं। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है, तेज गति में हवाएं चलने लगती है, दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लम्बी हो जाती है आदि।
कभी-कभी तो हम घने बादलों, कोहरा और धुंध के कारण सूरज को भी नहीं देख पाते हैं हालांकि, अन्य सर्दियों के दिनों में आसमान बहुत ही साफ और नीला दिखाई देता है। पूरे सर्दी के मौसम के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत अधिक परेशानी आती है। यह स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों संतरा, अमरूद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि का मौसम है।
शरद ऋतु क्यों आती है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, पृथ्वी अपनी धुरी पर सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर में मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है। जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध (अर्थात् सूर्य से दूरी) पर चक्कर लगाती है, तो सर्दी होती है। ऋतुएं बदलती है, जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री क्रान्ति वृत (सूर्य की ओर) झुकी हुई है।
हरी सब्जियां, फूल व फल
शीत ऋतु का अपना विशेष महत्व होता है। शीत ऋतु के आरंभ में कम तापमान में गेहूँ जैसी फसलों को बोया जाता है। शीत ऋतु में अधिकतर हरी सब्जियों की भरमार होती है। शीत ऋतु में हम मेथी, गाजर, मटर, बैंगन, गोभी, धनिया, अंगूर, मूली, बेर, आवला जैसी हरी सब्जियों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं। सूर्य के निकलने पर अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं और पूरे वातावरण को नया रुप देते हैं।
त्योहार
शरद ऋतु अपने साथ त्यौहारों की बहार लेकर आती है। दीपावली, दशहरा, नवरात्र, दुर्गा पूजा, भईया दूज, क्रिसमिस इत्यादि इस ऋतु में आने वाले प्रमुख भारतीय त्यौहार हैं। इस ऋतु में खाने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियाँ उपलब्ध हो जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु उत्तम होती है क्योंकि इस ऋतु में पाचन शक्ति मज़बूत होती है।
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