YOGA: सूर्यनमस्कार कैसे करे, सूर्यनमस्कार करने के फायदे
भारत देख योग का गुरु है। ओर सूर्य नमस्कार सर्वोत्तम योग है। सूर्य नमस्कार से कई बिमारिया ठीक होती है हमारा शरीर फुतिर्ला और स्वस्थ रहता है। सूर्यनमस्कार में 12 चरण होते है इसे पूर्व दिशा की तर्स्फ़ मुह करके खड़े होकर सुबह किया जाता है जिससे हमारे शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे -
- वजन घटाने में मदद करता है
- मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत करता है
- त्वचा के रंगत में सुधार करता है।
- पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक।
- अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है।
- नियमित मासिक धर्म सुनिश्चित करता है।
- कंधों को गतिशीलता देता है।
- रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।
1. प्रणाम आसन
अपने आसन (मैट) के किनारे पर खड़े हो जाएँ, अपने दोनों पंजे एक साथ जोड़ कर रखें और पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें। अपनी छाती फुलाएँ और कंधे ढीले रखें।
2. हस्तउत्तानासन
श्वास लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएँ और पीछे ले जाएँ व बाजुओं की द्विशिर पेशियों (बाइसेप्स) को कानों के समीप रखें। इस आसन में पूरे शरीर को एड़ियों से लेकर हाथों की उंगलियों तक सभी अंगों को ऊपर की तरफ खींचने का प्रयास करें।
3. हस्तपाद आसन
श्वास छोड़ते हुए व रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए कमर से आगे झुकें। पूरी तरह श्वास छोड़ते हुए दोनों हाथों को पंजो के समीप ज़मीन पर रखें।
4. अश्व संचालन आसन
श्वास लेते हुए जितना संभव हो दाहिना पैर पीछे ले जाएँ, दाहिने घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैं, दृष्टि को ऊपर की ओर ले जाएँ।
5.दंडासन
श्वास लेते हुए बाएँ पैर को पीछे ले जाएँ और संपूर्ण शरीर को सीधी रेखा में रखें।
6.अष्टांग नमस्कार
आराम से दोनों घुटने ज़मीन पर लाएँ और श्वास छोडें। अपने कूल्हों को पीछे उपर की ओर उठाएँ पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएँ अपनी छाती और ठुड्डी को ज़मीन से छुएँ।
7.भुजंग आसन
आगे की ओर सरकते हुए, भुजंगासन में छाती को उठाएँ कुहनियाँ मुड़ी रह सकती हैं। कंधे कानों से दूर और दृष्टि ऊपर की ओर रखें।
8.पर्वत आसन
श्वास छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएँ, छाती को नीचे झुकाकर एक उल्टे वी (˄) के आकार में आ जाएँ।
9.अश्वसंचालन आसन
श्वास लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएँ, बाएँ घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैं। दृष्टि ऊपर की ओर रखें
10.हस्तपाद आसन
श्वास छोड़ते हुए बाएँ पैर को आगे लाएँ, हथेलियों को ज़मीन पर ही रहने दें। अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं।
11.हस्तउत्थान आसन
श्वास लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे ऊपर लाएँ, हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएँ, कुल्हों को आगे की तरफ धकेलें।
12.ताड़ासन
श्वास छोड़ते हुए पहले शरीर सीधा करें फिर हाथों को नीचे लाएँ इस अवस्था में विश्राम करें और शरीर में हो रही संवेदनाओं के प्रति सजगता ले आएँ।
Tag-surya namaskar, surya namaskar ke fayde, suryanamaskar steps, suryanamaskar ke steps, suryanamaskaar kaise kare, suryanamaskar with pics