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वृंदावन में और उसके आसपास गुमने की प्रमुख जगह / Top places to visit in and around Vrindavan
Updates / 2024/11/30

वृंदावन में और उसके आसपास गुमने की प्रमुख जगह / Top places to visit in and around Vrindavan

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां का हर कोना भक्तों के लिए आस्था और पवित्रता का प्रतीक है। वृंदावन में कई ऐसे स्थान हैं, जो धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास हैं।

वृंदावन में घूमने की प्रमुख जगहें

1. बांके बिहारी मंदिर
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के "बांके बिहारी" रूप को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला और वहां की आरती भक्तों को भावविभोर कर देती है।


2. प्रेम मंदिर
2012 में निर्मित यह मंदिर अपनी भव्यता और प्रकाश व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण की लीलाओं को खूबसूरत मूर्तियों और झांकियों के माध्यम से दर्शाया गया है।


3. इस्कॉन मंदिर (कृष्ण बलराम मंदिर)
यह मंदिर अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावना संघ (ISKCON) द्वारा निर्मित है। यहां भगवान कृष्ण और बलराम की सुंदर मूर्तियां हैं, और यह जगह विदेशी भक्तों के बीच भी लोकप्रिय है।




4. निधिवन
निधिवन एक रहस्यमयी स्थान है। कहा जाता है कि यहां भगवान कृष्ण और राधा रासलीला करते थे। इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता और आस्था की कहानियां इसे और खास बनाती हैं।


5. राधा रमण मंदिर
यह मंदिर भगवान कृष्ण के "राधा रमण" रूप को समर्पित है। यहां की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है।


6. यमुना घाट
यमुना नदी के घाट पर बैठकर शाम की आरती देखना एक अद्भुत अनुभव है। यमुना स्नान और पूजा का भी अपना धार्मिक महत्व है।


7. मथुरा
वृंदावन से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मथुरा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर देखने लायक स्थल हैं। यहां की यमुना आरती भी बेहद प्रसिद्ध है।


8. गोवर्धन पर्वत
गोवर्धन पर्वत वृंदावन से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ा है। गोवर्धन की परिक्रमा करना धार्मिक दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है।


9. गोकुल
गोकुल वृंदावन से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां के नंद भवन और गोकुलनाथ मंदिर दर्शनीय स्थल हैं।


10. बरसाना
बरसाना, वृंदावन से लगभग 40 किलोमीटर दूर, राधारानी का जन्मस्थान है। यहां का श्रीजी मंदिर और लट्ठमार होली बहुत प्रसिद्ध हैं। बरसाना की प्राकृतिक सुंदरता और भक्तिमय वातावरण इसे खास बनाते हैं।


11. नंदगांव
नंदगांव, वृंदावन से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान नंद बाबा का निवास स्थान था। यहां का नंद महाराज मंदिर और आसपास के गांवों की खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करती है।


12.  बलदेव (दाऊजी)
बलदेव मंदिर, वृंदावन से लगभग 35 किलोमीटर दूर, भगवान बलराम को समर्पित है। यहां के मंदिर की भव्यता और पूजा पद्धति बेहद खास है।


13. कुसुम सरोवर
गोवर्धन पर्वत के पास स्थित कुसुम सरोवर एक ऐतिहासिक और शांत स्थल है। यहां की वास्तुकला और झील का दृश्य मन मोह लेता है।


14. राधाकुंड और श्यामकुंड
गोवर्धन के पास स्थित ये कुंड धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है।


वृंदावन में घूमने का सही समय

वृंदावन में घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है। विशेष रूप से होली और जन्माष्टमी के दौरान यहां का वातावरण बेहद उत्साहपूर्ण होता है।

वृंदावन में यात्रा के लिए सुझाव

  • मंदिरों में दर्शन के लिए सुबह जल्दी जाएं।
  • परिक्रमा के दौरान सफाई और अनुशासन का ध्यान रखें।
  • वृंदावन में स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना न भूलें, जैसे कि लस्सी, खीर और माखन।
  • यात्रा के दौरान धार्मिक स्थलों की परंपराओं और नियमों का पालन करें।
  • मथुरा, गोवर्धन, और गोकुल की यात्रा एक दिन में की जा सकती है।
  • अपने साथ मौसम के अनुसार कपड़े और स्नैक्स लेकर चलें।


Frequently Asked Questions

वृंदावन के पास सबसे प्रसिद्ध स्थल कौन-से हैं?
मथुरा, गोवर्धन पर्वत, गोकुल और बरसाना वृंदावन के पास के सबसे प्रसिद्ध स्थल हैं।
गोवर्धन की परिक्रमा करने में कितना समय लगता है?
गोवर्धन की परिक्रमा लगभग 21 किलोमीटर की होती है और इसे पूरा करने में 5-6 घंटे लगते हैं।
गोकुल क्यों प्रसिद्ध है?
गोकुल भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं का प्रमुख केंद्र है, जहां नंद भवन और गोकुलनाथ मंदिर दर्शनीय स्थल हैं।
बरसाना में कौन-सा त्योहार प्रसिद्ध है?
बरसाना की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त राधा-कृष्ण की होली का आनंद लेते हैं।
कुसुम सरोवर कब जाना चाहिए?
कुसुम सरोवर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बेहद सुंदर लगता है, इस समय यहां जाना सर्वोत्तम है।

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