White Jaundice Symptoms and Treatment (सफ़ेद पीलिया)
सफेद पीलिया क्या होता है
सफेद पीलिया, जिसे अंग्रेजी में "White Jaundice" भी कहा जाता है। सफ़ेद पीलिया पीलिया का ही एक रूप है। एक गंभीर लक्षण है जो कई समस्याओं का संकेत देता है। यह एक बिलीरुबिन के उच्च स्तर के कारण होता है, जो शरीर के ऊतकों और खून में मौजूद होता है।
कई बार सफ़ेद पीलिया मे हमारे लक्षण पीलिया जैसे नही दिखते, जैसे आंखे भी पीली नही होती, मूत्र और नाखून भी पीले नही होते बस हमारा शरीर बहुत कमजोर महसूस करता है। यह एक जानलेवा बीमारी है, जो पीलिया से भी ज्यादा भयंकर होती है। इस पीलिया मे अधिकतर लोगो की मृत्यु हो जाती है। लेकिन हम आपको हमारे पूर्वजो और बुजुर्गो का बताया हुआ एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बताएँगे जिससे आप इस बीमारी के भयंकर रूप को भी ठीक कर सकते है। और इस बीमारी से जुड़े सारे सवालो का जवाब भी देंगे।
सफेद पीलिया के लक्षण:
- आँखों और त्वचा का पीलापन: सफेद पीलिया में, शरीर के ऊतकों और खून में बिलीरुबिन के बढ़ने के कारण, आँखों और त्वचा का रंग पीला होता है। यह पीलापन आमतौर पर आंखों के पुतली और मुंह के आसपास से शुरू होता है और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है।
- मूत्र और डेयरिया: सफेद पीलिया के मरीजों में, मूत्र में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण मूत्र असामान्य रंग का हो जाता है। इसके साथ ही, डेयरिया यानी दस्त की समस्या भी हो सकती है।
- थकान और कमजोरी: बिलीरुबिन के उच्च स्तर के कारण, शरीर की ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति में थकान और कमजोरी की अनुभूति होती है। चक्कर आने लगते है।
- अपात्र भूख: सफेद पीलिया के मरीजों में भूख कम हो सकती है और खाने की इच्छा कम हो सकती है। यह पीलिया के अन्य लक्षणों के साथ अवगत हो सकता है।
सफेद पीलिया के कारण:
- गड्ढेदार लीवर: गड्ढेदार लीवर में सफेद पीलिया का कारण बन सकता है। इसमें लीवर में संक्रमण, ट्यूमर, फिब्रोसिस या स्करोसिस (जो लीवर की स्वस्थता को प्रभावित करती है) शामिल हो सकते हैं।
- गैलब्लैडर संबंधित समस्याएं: गैलब्लैडर में पथरी या ट्यूमर सफेद पीलिया का कारण बन सकते हैं। इसमें गैलब्लैडर के बाहर या अंदरीभूत नली में बिलीरुबिन का निकास कम हो जाता है।
- नस या गलगंज के घाव: नस या गलगंज के घाव के कारण बिलीरुबिन का संचय हो सकता है, जिससे सफेद पीलिया हो सकती है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है और तत्परता से इलाज की आवश्यकता होती है।
पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज
दोस्तो पीलीया चाहे सफ़ेद हो या पीला यहा जड़ीबूटी दोनों पीलिया का रामबाण इलाज़ है। इस जड़ीबूटी का नाम है, "साठी" राजस्थान और कुछ राज्यो मे इसे साटी और हाटी भी बोलते है। इसे Punarnava herb plant भी कहा जाता है। यह एक जड़ीबूटी है, जिसे पीने से कैसे भी पीलिया हो वो जड़ से खतम हो सकता है। लेकिन इसे पीने का तरीका है जो हम आपको बताएँगे। साठी को आप अधिक मात्रा मे एक साथ तोड़कर घर पर लेकर आ सकते है। हमे यहा साठी की जड़ो की जरूरत है, इसलिए साठी की जड़ो को ही आप लेकर आए। एक बर्तन मे पानी गरम करे और उसमे साठी की जड़े डाल ले और गरम पानी मे साठी की जड़ो को अच्छे से उबाले और इसके पानी को छान ले। आप इसके पानी को छान कर स्टोर कर भी रख सकते है। और रोजाना एक ग्लास भर कर इसे पिये। आपका पीलिया चाहे कितना भी भयंकर क्यू न हो वो जरूर ठीक होगा।
सफेद पीलिया का इलाज
प्रतिबंधित आहार: सफेद पीलिया के समय आपको तेल, तला हुआ भोजन, तीखे और मसालेदार आहार से बचना चाहिए। आपको हल्के और सहज भोजन पदार्थ जैसे रोटी, चावल, दल, सब्जियां और फलों को खाना चाहिए।
पर्याप्त आराम: सफेद पीलिया के दौरान अधिक आराम करना आवश्यक होता है। आपको काम, व्यायाम और उत्सवों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
पर्याप्त पानी पीना: आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, जैसे कि निम्नलिखित तत्वों की चाय और पानी, नारियल पानी, शोरबा, रस, और प्राकृतिक फलों के रस। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखेगा और विषाणुओं के निकालने में मदद करेगा।
दवाएँ: सफेद पीलिया का विशेष इलाज नहीं होता है, लेकिन आपके लक्षणों के आधार पर आपके चिकित्सक द्वारा कुछ दवाएं प्राप्त कर सकते हैं। वे आपको पीलिया के लक्षणों को कम करने और आपके शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए सलाह देंगे।
सुरक्षा के उपाय: सफेद पीलिया संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आपको सामान्य हाइज़ीन अभ्यासों का पालन करना चाहिए, जैसे हाथों को साबुन और पानी से धोना, बिजली और सड़क के कीचड़ से दूर रहना आदि।
सफेद पीलिया में कोनसे फ्रूट खाने चाहिए
गन्ना: गन्ना पीलिया को ठीक करने मे बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पीलिया मे आप गन्ने को दाँतो से चबाये जिससे डाटो के बीच का पीलिया ठीक हो जाता है और धीरे धीरे पूरे शरीर का पीलिया भी ठीक हो जाता है।
पपीता: पपीता पीलिया में लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
केला: केला एक अच्छा फल है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
नारंगी: नारंगी में विटामिन C होता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है और शरीर को ताजगी प्रदान कर सकता है।
सेब: सेब बहुत सारे पोषक तत्वों और फाइबर का अच्छा स्रोत होता है।
खीरा: खीरा पानी का प्रमुख स्रोत होता है और यह आपको शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है।
घियांची: घियांची (घिया) पीलिया में सुझाव दी जाती है क्योंकि यह थायमिन और रिबोफ्लाविन जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है।
गाजर: गाजर विटामिन A और एंटीऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत होती है और शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करती है।
संतरा: संतरा विटामिन C का उच्च स्रोत है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
आम: आम में विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर को ताजगी प्रदान कर सकते हैं।
अंगूर: अंगूर में पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
पोमेग्रेनेट: पोमेग्रेनेट में विटामिन C, एंटीऑक्सिडेंट्स, और फाइबर होता है जो स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।
मौसंबी: मौसंबी विटामिन C का अच्छा स्रोत होती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती है।
ख़रबूजा: ख़रबूजा शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है।
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