चन्दन की खेती कैसे करे, जानिए स्टेप बाई स्टेप पूरी जानकारी
चंदन: चंदन अपनी सुगंध और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, एक लाभदायक फसल है जिसकी खेती भारत में सदियों से की जा रही है। चंदन की लकड़ी का उपयोग धार्मिक कार्यों, सौंदर्य प्रसाधनों और दवाओं में किया जाता है, जिसके कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है।
चंदन की खेती करने के लाभ:
अधिक मुनाफा: चंदन एक उच्च मूल्य वाली फसल है जो किसानों को अच्छी कमाई प्रदान कर सकती है।
कम रखरखाव: चंदन के पेड़ों को कम देखभाल की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें उगाना आसान हो जाता है।
पर्यावरणीय लाभ: चंदन के पेड़ मिट्टी को संरक्षित करने और जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
चंदन की खेती करने का तरीका:
जलवायु और मिट्टी: चंदन को गर्म और शुष्क जलवायु और अच्छी जल निकासी वाली रेतीली-दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। चंदन की खेती के लिए किसानों को सबसे पहले चंदन के बीज या फिर छोटा सा पौधा या लाल चंदन के बीज लेने होंगे जो कि बाजार में उपलब्ध है। चंदन का पेड़ लाल मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। इसके अलावा चट्टानी मिट्टी, पथरीली मिट्टी और चूनेदार मिट्टी में भी ये पेड़ उगाया जाता है। हालांकि गीली मिट्टी और ज्यादा मिनरल्स वाली मिट्टी में ये पेड़ तेजी से नहीं उग पाता।
बुवाई: चंदन के बीजों को बीजों की बुवाई करके या पौधों को रोपकर उगाया जा सकता है। अप्रैल और मई का महीना चंदन की बुवाई के लिए सबसे अच्छा होता है।
जुताई: पौधे बोने से पहले 2 से 3 बार अच्छी और गहरी जुताई करना जरूरी होता है। जुताई होने के बाद 2x2x2 फीट का गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसे कुछ दिनों के लिए सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए।
सिंचाई: चंदन के पेड़ों को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। वर्षा ऋतु के दौरान प्राकृतिक वर्षा पर्याप्त होती है, और शुष्क मौसम में सिंचाई की आवश्यकता हो सकती है। इसकी खेती के लिए 500 से 625 मिमी वार्षिक औसम बारिश की आवश्यकता होती है। लेकिन गर्मियों में इन्हें सिंचाई की जरूरत होती है।
तापमान: चंदन के पेड़ को 5 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले इलाके में लगाना सही माना जाता है। इसके लिए 7 से 8.5 एचपी वाली मिट्टी उत्तम होती है।
खाद: चंदन के पेड़ों को साल में दो बार, एक बार मानसून की शुरुआत में और एक बार सर्दियों में खाद डालना चाहिए।
कीट और रोग नियंत्रण: चंदन के पेड़ों को कुछ कीटों और रोगों द्वारा प्रभावित किया जा सकता है। इनका उचित प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।
सरकारी अनुमति: चंदन की खेती के लिए सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है।
धैर्य: चंदन के पेड़ों को परिपक्व होने में 10-20 साल लग सकते हैं। इसलिए, धैर्य रखना महत्वपूर्ण है।
चोरी: चंदन की लकड़ी की उच्च मांग के कारण, चोरी एक बड़ी समस्या है। फसल की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करना महत्वपूर्ण है।
चंदन की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, लेकिन इसके लिए धैर्य, कड़ी मेहनत और उचित योजना की आवश्यकता होती है। यदि आप चंदन की खेती शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, तो तो विस्तृत जानकारी के लिए कृषि विभाग या अनुभवी किसानों से सलाह लेना उचित होगा।
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