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देव झूलनी एकादशी 2024: 14 September, ध्वजा अगयारस , देव झूलनी अगयारस, परिवर्तिनी अगयारास को मनाई जाएगी।
Updates / 2024/09/13

देव झूलनी एकादशी 2024: 14 September, ध्वजा अगयारस , देव झूलनी अगयारस, परिवर्तिनी अगयारास को मनाई जाएगी।

13 September 2024, देव झूलनी एकादशी: देव झूलनी एकादशी, जिसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण एकादशी तिथियों में से एक है। इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु के भाद्रपद मास में आने वाले शयनकाल से जागरण तक का प्रतीक माना जाता है। इस एकादशी का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से उठकर करवट बदलते हैं, इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है।



देव झूलनी एकादशी 2024 तिथि
देव झूलनी एकादशी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में यह एकादशी 14 सितंबर को पड़ेगी। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और भक्त मंदिरों में झांकी निकालते हैं।

देव झूलनी एकादशी का महत्व
देव झूलनी एकादशी को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इसे करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस एकादशी का महत्व भगवान के शयनकाल के समापन और पृथ्वी पर धर्म की स्थापना के रूप में देखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।


देव झूलनी एकादशी की पूजा विधि

स्नान और संकल्प: इस दिन प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लें।

भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं, फूल, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।

एकादशी कथा सुनें: इस दिन देव झूलनी एकादशी की कथा का श्रवण करें, जिसमें भगवान विष्णु की लीला का वर्णन होता है।

भजन और कीर्तन: भगवान के भजन-कीर्तन गाएं और विशेष रूप से "हरे राम, हरे कृष्ण" का जाप करें।

व्रत का पालन: इस दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखें और रात्रि को जागरण करें।

झांकी निकालना: कई स्थानों पर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की झांकी निकालने की परंपरा है, जिसमें भक्तगण झूले में भगवान को विराजमान करके झुलाते हैं।

दान-पुण्य: पूजा के अंत में गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और वस्त्र आदि का दान करें।



देव झूलनी एकादशी व्रत का फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देव झूलनी एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे करने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद से सभी दुख और कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।

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Frequently Asked Questions

देव झूलनी एकादशी किस भगवान को समर्पित है?
देव झूलनी एकादशी भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को समर्पित होती है।
देव झूलनी एकादशी का महत्व क्या है?
इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करते हैं, इसलिए इसे विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है।
देव झूलनी एकादशी कब मनाई जाती है?
देव झूलनी एकादशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। 2024 में यह 14 सितंबर को मनाई जाएगी।
इस दिन कौन-कौन से धार्मिक कार्य करने चाहिए?
इस दिन व्रत रखें, भगवान विष्णु की पूजा करें, कथा सुनें, झांकी निकालें, और दान-पुण्य करें।
क्या देव झूलनी एकादशी का व्रत मोक्ष दिलाता है?
हां, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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