देवी कालरात्रि की प्रिय वस्तुएं और भोग: नवरात्रि के सातवे दिन माँ को जरूर चढ़ाये
4 October 2024, नवरात्रि का पर्व शक्ति की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस पर्व के सप्तमी दिन देवी कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व होता है। देवी कालरात्रि का स्वरूप भयावह है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। इस दिन देवी की प्रिय वस्तुओं और भोग के बारे में जानना भक्तों के लिए आवश्यक है, ताकि वे सही तरीके से पूजा कर सकें।
देवी कालरात्रि का परिचय
देवी कालरात्रि देवी दुर्गा का एक अवतार हैं। उनका रंग काला है और वे रात के समय की देवी मानी जाती हैं। देवी कालरात्रि को अंधकार और अज्ञानता का नाशक माना जाता है। उनका स्वरूप शक्ति और साहस से भरा होता है, और वे अपने भक्तों को हर विपत्ति से बचाने का आश्वासन देती हैं।
देवी कालरात्रि की प्रिय वस्तुएं
देवी कालरात्रि को विभिन्न वस्तुओं और भोगों की विशेष पसंद होती है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रिय वस्तुएं दी गई हैं:
काले तिल
देवी कालरात्रि को काले तिल का भोग अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
लाल फूल
देवी को लाल रंग के फूल जैसे गुलाब अर्पित किए जाते हैं। ये फूल देवी की शक्ति को और बढ़ाते हैं।
फल
देवी कालरात्रि को विशेष रूप से सेब, अनार, और केला जैसे फल अर्पित करना चाहिए। ये फल देवी की पूजा में महत्वपूर्ण होते हैं।
गुड़
गुड़ का भोग अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
भुने चने
भुने चने देवी कालरात्रि को प्रिय हैं। इसे भोग के रूप में अर्पित किया जा सकता है।
देवी कालरात्रि का भोग कैसे तैयार करें
काले तिल का भोग
सामग्री: काले तिल।
विधि: एक थाली में काले तिल को रखें और देवी को अर्पित करें।
फल का थाल
विभिन्न फलों को अच्छे से धोकर, उन्हें एक थाली में सजाएं और देवी को अर्पित करें।
गुड़
गुड़ को छोटे टुकड़ों में काटकर एक कटोरी में रखें और देवी को अर्पित करें।
भुने चने
भुने चनों को एक कटोरी में रखें और देवी को अर्पित करें।