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Monday, 2024 December 02
व्रत मे पढ़ने के लिए भगवान गणपती जी की पौराणिक कथा
Updates / 2024/07/04

व्रत मे पढ़ने के लिए भगवान गणपती जी की पौराणिक कथा

गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता और गणपति के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से हर शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है। उनकी पौराणिक कथा अत्यंत रोचक और शिक्षाप्रद है।



कोई भी व्रत करने से पहले भगवान गणेश जी की कथा पढनी चाहिए उसके बाद दूसरे भगवान की कथा पढनी चाहिए। भगवान गणेश जी कथा के बिना व्रत सफल नही होता है।


भगवान गणेश जी की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा अनुसार एक बुढ़िया माई रोज मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। लेकिन वो रोज गणेश की की प्रतिमा बनाए और वो रोज ही गल जाए। उसके घर के सामने एक बार किसी सेठजी का मकान बन रहा था। बुढ़िया माई ने मकान बनाने वाला कारीगरों से बोला- ' भाई। मेरे मिट्टी के बनाए गणेशजी रोज गल जाते हैं। आप मुझे पूजा के लिए पत्थर से एक गणेशजी बना दो, आप कृपा होगी।'


मकान बनाने वाला कारीगर बोला- माई! जितनी देर में हम तुम्हारे लिए गणेश जी बनाएंगे उतनी देर में हम दीवार पूरी कर देंगे। बुढ़िया ये सुनकर दुखी मन से घर वापिस आ गई। दीवार पूरी करते- करते शाम हो गई लेकिन दीवार पूरी न हो सकी। कारीगर जितनी बार दीवार बनाएं उतनी बार वो टेढ़ी हो जाए।


शाम को सेठजी आए तो उन्होंने कहा आज कुछ काम नहीं किया? तब मकान बनाने वाला एक कारीगर सेठजी के पास गया और उसने बुढ़िया वाली बात बताई। तब सेठजी ने बुढ़िया माई के घर गए और उनसे कहा कि माई! तुम हमारी दिवार सीधी कर दो हम तुम्हें एक सोने के गणेश जी बनवाकर दे देंगे। गणेश जी ने ये सुनते ही सेठ जी की दीवार सीधी कर दी। सेठी जी ने बुढ़िया को सोने के गणेश जी बनवा कर दिए।



हे विनायक जी महाराज! जैसे आपने सेठ जी की दीवार सीधी करी वैसे ही हमारे भी सभी कार्य सीधे करना।

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Frequently Asked Questions

भगवान गणपती जी की कथा कब पढ़नी चाहिए?
कोई भी व्रत करने से पहले भगवान गणेश जी की कथा पढनी चाहिए उसके बाद दूसरे भगवान की कथा पढनी चाहिए।
क्या यह कथा बुधवार के व्रत मे भी पढ़ सकते है?
जी हाँ, यह कथा बुधवार के व्रत मे भी पढ़ सकते है।

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