गर्मी के दिनों में लू से कैसे बचे।
आखिर ये लू है क्या। नाम तो आपने भी सुना होगा। आखिर क्यूं डरते है लोग इतना लू की नाम से।
लू क्या है।
लू एक हवा है। जी हाँ लू एक हवा का नाम है। गर्मीले प्रदेशों में चलने वाली तेज बिलखती गरम हवा। जो ध्यान नहीं रखने पर न जाने कितनों को मौत की घाट उतार देती है।
गर्मी के दिनों में दोपहर में जब तेज गरम हवा चले। तब आप घर से बाहर नहीं निकले। अगर आप शहर में रहते है तो आपको दोपहर में घर से बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर आप राजस्थान में रहते है या किसी अन्य गरम इलाके में रहते है तो आपको इस बात का बहुत खयाल रखना चाहिए। क्योंकि गर्मी में दोपहर में चलने वाली गरम हवा को लू कहते है। ये शरीर में लिए बहुत हानिकारक होती है। औऱ उससे भी मुश्किल है उसका इलाज जो सिर्फ घरेलु उपचार से ही पॉसिबल है।
लू के लक्षण
बड़े हो या बूढे या हो बच्चे लू किसी को भी लग सकती है। लू लगने पर आपके शरीर में एकाएक कमजोरी आ जाती है। ये आपके बॉडी को dehydrate कर देती है। आपको उल्टी और दस्त की समस्या शुरू हो जाती है। औऱ साथ में बुखार भी आने लगता है। लू एक ऐसी बीमारी है जिसका डॉक्टर के पास कोई इलाज नहीं है। लू को उतारने के लिए घरेलु उपाय ही कारगर है।
लू से कैसे बचे/ लू का इलाज
लू उतारने के 2 तरीके है
पहला तरीका
लू से बचने के लिए आपको ( केवल का पेड़) केवल के पेड़ की फूल की आवश्यकता होती है। ये एक ऐसा पेड़ है जिस पर पत्तियाँ नहीं होती सिर्फ केसरी कलर के फूल होते है। सर्दी के दिनों में इन पेड़ों पर फूल लगते है और गर्मीले प्रदेशों मे रहने वाले लोग इन पर फूल दिखते ही गर्मी के दिनों की लिए घर मे सूखा कर रखते है।
लू सिर्फ कांस (brass)के बर्तन मे ही उतारी जाती है। लू उतारने के लिए कांस के बर्तन मे केवल के फूल, एक कटा हुआ प्याज, 4 ईमली और ईमली को भिगो कर रखा हुआ पानी, 2 टुकड़े बर्फ और एक ग्लास ठंडा पानी डाले। औऱ लू के रोगी को लेटाकर उसके कपड़े उतार कर उसके शरीर पर उस बर्तन को ऊपर से नीचे तक घुमाया जाता है। औऱ ध्यान रखे उस बर्तन के नीचे भी उसमे डाले गए पदार्थ का लेप लगाए।
अगर लू लगी हुई है तो उसके शरीर पर वो बर्तन चिपकेगा। लू के रोगी को दिन में 3 बार इस तरीके से लू उतरना पडता है।
दूसरा तरीका
लू उतारने का दूसरा तरीका और भी आसान है इसमें एक कॉटन का कपड़ा ले। औऱ एक बाउल में फ्रीज का ठंडा पानी। अब लू के रोगी को लेटाकर वह कपड़ा ठंडे पानी डुबोकर निचोड़े। औऱ रोगी के ऊपर बार बार झटके।