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गुजरात में शीतला सप्तमी 2024: 25 अगस्त को मनाई जाएगी। आज बनाया जाएगा बसोड़ा खाना
Updates / 2024/08/24

गुजरात में शीतला सप्तमी 2024: 25 अगस्त को मनाई जाएगी। आज बनाया जाएगा बसोड़ा खाना

भारत के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है शीतला सप्तमी। यह पर्व विशेष रूप से गुजरात, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। शीतला सप्तमी का पर्व माता शीतला को समर्पित है, जो स्वास्थ्य और शांति की देवी मानी जाती हैं।

राजस्थान और गुजरात मे शीतला सप्तमी का विशेष महत्व है। दोनों राज्यो मे शीतला सप्तमी अलग अलग दिन मनाई जाती है। राजस्थान मे शीतला सप्तमी चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। तो गुजरात मे भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है।



शीतला सप्तमी 2024 की तिथि

वर्ष 2024 में गुजरात में शीतला सप्तमी का पर्व 25 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्त्व होता है, और इसे पूरे गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है। शीतला सप्तमी के दिन लोग माता शीतला की पूजा करते हैं और उनसे अपने परिवार की स्वास्थ्य और शांति की कामना करते हैं।

शीतला सप्तमी का धार्मिक महत्त्व

शीतला सप्तमी का धार्मिक महत्त्व बहुत गहरा है। शीतला माता को रोगों से रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास के स्थानों को स्वच्छ रखते हैं और माता शीतला से प्रार्थना करते हैं कि वे अपने परिवार को रोगों से मुक्त रखें। यह पर्व खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के बीच लोकप्रिय है, जो शीतला माता के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।


शीतला सप्तमी की पूजा विधि

शीतला सप्तमी के दिन पूजा की विशेष विधि होती है। इस दिन लोग सुबह-सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद महिलाएं घर की सफाई करती हैं और माता शीतला की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान माता शीतला को ठंडा भोजन, जैसे बासी रोटी, दही और बासी सब्जी का भोग अर्पित किया जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन बासी भोजन का सेवन करने से माता शीतला प्रसन्न होती हैं और परिवार को रोगों से मुक्त रखती हैं।


शीतला सप्तमी पर विशेष कार्य

शीतला सप्तमी पर कुछ विशेष कार्य किए जाते हैं। इस दिन घर की पूरी सफाई की जाती है, और अगले दिन के लिए भोजन पहले ही बना लिया जाता है, जिसे 'बासौड़ा' कहा जाता है। इस भोजन को शीतला माता को अर्पित किया जाता है और फिर परिवार के सदस्य इसे ग्रहण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ताजे भोजन की बजाय बासी भोजन का सेवन करने से शीतला माता की कृपा प्राप्त होती है।



गुजरात में शीतला सप्तमी का उत्सव

गुजरात में शीतला सप्तमी का पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेषकर महिलाएं और बच्चे शीतला माता के मंदिर जाते हैं, वहां पूजा करते हैं और माता से अपने परिवार की सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा, इस दिन समुदाय में मेलों का भी आयोजन किया जाता है, जहां लोग एकत्र होकर शीतला माता की जय-जयकार करते हैं।

उपसंहार

शीतला सप्तमी का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। गुजरात में शीतला सप्तमी का पर्व 6 मार्च 2024 को मनाया जाएगा, और इस दिन माता शीतला की पूजा कर, उनके आशीर्वाद से रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। इस पर्व को सही विधि से मनाने के लिए पहले से तैयारी करें और अपने परिवार की भलाई के लिए माता शीतला से प्रार्थना करें।

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Frequently Asked Questions

गुजरात में शीतला सप्तमी 2024 की तिथि क्या है?
गुजरात में शीतला सप्तमी 2024 का पर्व 25 अगस्त को मनाया जाएगा।
शीतला सप्तमी का धार्मिक महत्त्व क्या है?
शीतला सप्तमी का पर्व माता शीतला को समर्पित है, जो रोगों से रक्षा और शांति प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं।
शीतला सप्तमी के दिन क्या पूजा की जाती है?
शीतला सप्तमी के दिन महिलाएं शीतला माता की पूजा करती हैं और ठंडे भोजन का भोग अर्पित करती हैं।
शीतला सप्तमी पर क्या विशेष कार्य किए जाते हैं?
शीतला सप्तमी पर घर की सफाई की जाती है, और अगले दिन बासी भोजन का सेवन किया जाता है, जिसे बासौड़ा कहा जाता है।
शीतला सप्तमी का पर्व किस प्रकार से मनाया जाता है?
शीतला सप्तमी पर महिलाएं और बच्चे शीतला माता के मंदिर जाते हैं, वहां पूजा करते हैं और शीतला माता से रोगों से बचाव की प्रार्थना करते हैं।

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