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Monday, 2024 December 02
सम्पूर्ण हनुमान चालीसा हिन्दी मे
Updates / 2024/04/29

सम्पूर्ण हनुमान चालीसा हिन्दी मे

हनुमान चालीसा का महत्व- हनुमान जी 8 चिरंजीवियों में से एक माने जाते हैं । श्री राम भक्त हनुमान थोड़ी सी पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमान जी की पूजा आराधना से भय दूर होता है और साथ ही सुख, शांति, आरोग्य एवं लाभ की प्राप्ति होती है। हनुमान जी की महिमा को देखते हुए तुलसीदासजी ने हनुमान चालीसा की रचना की थी। इस चालीसा का नियमित या मंगलवार, शनिवार को पाठ करने के बहुत से चमत्कारी लाभ मिलते हैं। मंगल, शनि एवं पितृ दोषों से मुक्ति कि लिए भी हनुमान चालीसा का पाठ लाभकारी है।

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै। शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।। जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा 
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

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Frequently Asked Questions

प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होता है?
डर को दूर भगाएं - अगर आप रोज सुबह उठकर सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का डर नहीं सताता है और उसे भय से मुक्ति मिल जाती है
हनुमान चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
कहा जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। साथ ये सौभाग्य लाता है और चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को बुराई से बचाने का काम करता है। साथ ही ये नकारा
चालीसा कितने बजे पढ़ना चाहिए?
मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद प्रातः काल 4 से बाज 5 बजे के अंतराल करना सबसे उत्तम होता है। यदि आप शाम के समय हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो स
हनुमान चालीसा कौन से दिन पढ़ना चाहिए?
जो व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना है, उसकी इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत होती है। अगर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना संभव हो तो सिर्फ मंगलवार को ही कर सकते हैं।
क्या हम बिना नहाए हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
हाँ, आप हनुमान चालीसा को बिना स्नान किए पढ़ सकते हैं। यह एक प्रारंभिक स्वाध्याय और पूजा का अच्छा तरीका होता है, लेकिन स्नान के बिना भी आप चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

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