हरियाली तीज 2024: इस साल कब है हरियाली तीज, नोट करें सही तिथि, पूजा विधि और महत्त्व
हरियाली तीज 2024: इस साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि 6 अगस्त शाम 7 बजकर 52 मिनट से लेकर 7 अगस्त को 10 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 7 अगस्त ये व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूरे दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
Hariyali Teej Puja Vidhi (हरियाली तीज पूजा विधि)
- हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- उसके बाद घर के मंदिर में साफ सफाई करें।
- फिर शिव और पार्वती जी की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें।
- फिर शिव जी को बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करें।
- उसके बाद हरियाली तीज व्रत कथा का पाठ करें ।
- अंत में आरती करें और भोग लगाएं।
हरियाली तीज पूजन सामग्री
हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद और पंचामृत जरूर शामिल करें। इसके अलावा सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें।
Hariyali Teej Importance (हरियाली तीज महत्व)
हिंदू धर्म में हरियाली तीज के व्रत का खास महत्व है। इस दिन का व्रत पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है। तीज का व्रत शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके ही पूजा करें। हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्या के द्वारा भी किया जाता है।
हरियाली तीज का इतिहास
हरियाली तीज का इतिहास शिव-पार्वती के मिलन से जुड़ा है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या के फलस्वरूप भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। यह पर्व माता पार्वती की तपस्या और उनके अद्वितीय प्रेम को दर्शाता है।
हरियाली तीज उत्सव
हरियाली तीज के दिन स्त्रियाँ अपने घरों को सजाती हैं और विशेष पकवान बनाती हैं। इस दिन महिलाएँ झूला झूलती हैं और लोकगीत गाती हैं। मेहंदी लगाना, सोलह श्रंगार करना, और नए वस्त्र धारण करना हरियाली तीज के मुख्य आकर्षण होते हैं। यह दिन सामूहिक रूप से मनाया जाता है, जहाँ महिलाएँ एकत्रित होती हैं और तीज के गीत गाती हैं।
हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती मां की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दौरान सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में हरे रंग के अधिक महत्व होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां आदि पहनती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा
हरियाली तीज आरती
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।। जय पार्वती माता।।
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।
समापन
हरियाली तीज एक पवित्र और उल्लासपूर्ण पर्व है जो स्त्रियों के जीवन में खास स्थान रखता है। यह दिन सोलह श्रंगार, झूला झूलना, और व्रत के माध्यम से पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना का प्रतीक है। 2024 में, 10 अगस्त को हरियाली तीज के पावन अवसर पर अपने परिवार और मित्रों के साथ इस त्योहार को मनाएं और अपने जीवन में खुशियों का संचार करें।