घर के बाहर जिस राक्षस को लटकाया जाता है वह कीर्तिमुख कौन है और क्यों हर घर और मंदिर के बाहर लटकाया जाता है।
13 October 2024, हिंदू धर्म में हर देवी-देवता और प्रतीक का अपना एक विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण प्रतीक है कीर्तिमुख, जो वास्तु और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कीर्तिमुख को घर और मंदिर के बाहर लटकाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह चेहरा राक्षस के रूप में दिखाया जाता है और इसका उपयोग बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए किया जाता है।
कीर्तिमुख की पौराणिक कथा
कीर्तिमुख की उत्पत्ति से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। एक बार एक शक्तिशाली असुर राहु ने भगवान शिव के वाहन नंदी पर हमला करने का प्रयास किया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपनी भौंहों से एक भयंकर राक्षस उत्पन्न किया। इस राक्षस का रूप अत्यंत विकराल और भयानक था। उसे देखकर राहु भयभीत हो गया और शिव जी से क्षमा माँगी। भगवान शिव ने उसे क्षमा कर दिया, लेकिन इस राक्षस को शांत करने के लिए आदेश दिया कि वह खुद को ही खा जाए। राक्षस ने अपने शरीर को खाना शुरू कर दिया और अंत में केवल उसका चेहरा ही बचा। यह चेहरा ही कीर्तिमुख के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
भगवान शिव ने कीर्तिमुख को आशीर्वाद दिया और कहा कि उसका चेहरा अब से सभी मंदिरों और घरों के द्वार पर लगाया जाएगा ताकि नकारात्मक शक्तियाँ और बुरी नजरें वहाँ प्रवेश न कर सकें।
कीर्तिमुख का वास्तु
कीर्तिमुख को वास्तुशास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह घर और मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर लटकाया जाता है ताकि नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियाँ घर में प्रवेश न कर सकें। कीर्तिमुख का भयानक रूप बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है। इसे लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार के सदस्य सुरक्षित रहते हैं।
घर और मंदिर के बाहर कीर्तिमुख की तस्वीर क्यों लटकाई जाती है?
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा:
कीर्तिमुख का भयानक और डरावना चेहरा बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने के लिए लगाया जाता है। इसका उद्देश्य घर और मंदिर को बुरी नजर से बचाना है।
घर में समृद्धि का प्रतीक:
कीर्तिमुख का चेहरा घर के मुख्य द्वार पर लटकाने से घर में समृद्धि आती है और सुख-शांति बनी रहती है। यह घर के निवासियों को नकारात्मक प्रभावों से बचाने का कार्य करता है।
बुरी नजर से बचाव:
कीर्तिमुख की तस्वीर विशेष रूप से उन घरों और मंदिरों में लगाई जाती है जहाँ बुरी नजर या नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक हो सकता है। यह उन स्थानों पर सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
वास्तु दोष का निवारण:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि किसी घर में वास्तु दोष हो, तो कीर्तिमुख की तस्वीर लगाकर उसे ठीक किया जा सकता है। यह दोष निवारण के उपायों में से एक है।
धार्मिक महत्व:
धार्मिक दृष्टिकोण से कीर्तिमुख भगवान शिव से जुड़े हुए हैं, इसलिए इन्हें लटकाना शिव जी की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए किया जाता है।
कीर्तिमुख लटकाने के लाभ
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव:
कीर्तिमुख बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा को घर और मंदिर से दूर रखता है।
बुरी नजर से सुरक्षा:
कीर्तिमुख का भयानक चेहरा बुरी नजरों से घर को बचाता है।
वास्तु दोष का निवारण:
वास्तु दोषों को दूर करने के लिए कीर्तिमुख का उपयोग किया जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
कीर्तिमुख लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है।
परिवार की सुरक्षा:
कीर्तिमुख घर के सभी सदस्यों की सुरक्षा करता है और उन्हें नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
कीर्तिमुख की तस्वीर को घर और मंदिर के बाहर लटकाने की परंपरा धार्मिक और वास्तुशास्त्र दोनों दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रतीक बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है और घर की सुरक्षा और समृद्धि बनाए रखता है। यदि आप अपने घर या मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार चाहते हैं और बुरी नजर से बचना चाहते हैं, तो कीर्तिमुख की तस्वीर को अवश्य लटकाएं।