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कृष्ण जन्माष्टमी 2024 Date और मुर्हुत
Updates / 2024/07/04

कृष्ण जन्माष्टमी 2024 Date और मुर्हुत

Krishna Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो अगस्त या सितंबर में आती है। इस वर्ष, कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।



श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था, जहां उनके माता-पिता देवकी और वसुदेव को कैद रखा गया था। भगवान कृष्ण का जन्म अत्याचार और अधर्म के नाश के लिए हुआ था। उनके जन्म की रात को उनके पिता वसुदेव ने उन्हें यमुना नदी पार कर गोकुल में नंद बाबा और यशोदा माता के पास सुरक्षित पहुंचाया था। इस घटना को याद करते हुए, भक्तजन रातभर जागरण करते हैं और भजन-कीर्तन गाते हैं।


कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व - साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि का प्रारंभ - 26 अगस्त, सुबह 3 बजकर 40 मिनट से
अष्टमी तिथि का समापन - 27 अगस्त, सुबह 2 बजकर 20 मिनट तक
दही हांडी - 27 अगस्त दिन मंगलवार

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ - 26 अगस्त, शाम 3 बजकर 55 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र का समापन - 27 अगस्त, शाम 3 बजकर 38 मिनट पर


जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2024

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त - रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा, ऐसे में पूजा के लिए आपको 45 मिनट का समय मिलेगा।
व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह 11 बजे तक किया जा सकेगा।


कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों और घरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। श्रीकृष्ण की मूर्तियों का श्रृंगार किया जाता है और उनकी झांकी बनाई जाती है। विशेष पूजा और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। मटकी फोड़ (दही हांडी) का आयोजन भी विशेष आकर्षण का केंद्र होता है, जिसमें युवा टोली दही की मटकी फोड़ने की प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।



व्रतधारी भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं और रात को श्रीकृष्ण के जन्म के समय पूजा अर्चना के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। इस पवित्र दिन पर श्रीमद्भागवत गीता का पाठ और कृष्ण लीला का मंचन भी किया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों और उनके जीवन के संदेश को स्मरण करने का अवसर भी प्रदान करता है। श्रीकृष्ण ने गीता में कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग का संदेश दिया है, जो आज भी हमें जीवन की सही दिशा दिखाता है।

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Frequently Asked Questions

कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस वर्ष 26 अगस्त 2024 को है।
कृष्ण जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व क्या है?
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व अत्याचार और अधर्म के नाश के लिए श्रीकृष्ण के अवतार को समर्पित है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कौन-कौन से विशेष अनुष्ठान होते हैं?
इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन, झांकियां, मटकी फोड़ (दही हांडी), और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया जाता है।
व्रतधारी भक्तजन जन्माष्टमी के दिन क्या करते हैं?
व्रतधारी भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं और रात को श्रीकृष्ण के जन्म के समय पूजा अर्चना के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी का सांस्कृतिक महत्व क्या है?
कृष्ण जन्माष्टमी न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन श्रीकृष्ण की लीला का मंचन, दही हांडी की प्रतियोगिता और भक्ति संगीत का आयोजन होता है, जो समाज में एकता और भक्ति भावना को बढ़ावा देता है।

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