नरक चतुर्दशी 2024: क्यू मनाई जाती है नरक चतुर्दशी, जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा
8 October 2024, नरक चतुर्दशी, जिसे 'छोटी दीपावली' भी कहा जाता है, दीपावली महोत्सव का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन का खास महत्व भगवान श्रीकृष्ण के नरकासुर वध से जुड़ा हुआ है। हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसी दिन नरकासुर नामक राक्षस का वध करके 16,000 कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इसके बाद से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
नरक चतुर्दशी की कथा
नरकासुर, जो एक क्रूर राक्षस था, पृथ्वी पर अत्याचार करता था और उसने 16,000 कन्याओं को बंधक बना लिया था। उसके अत्याचारों से त्रस्त होकर देवताओं ने भगवान कृष्ण से मदद की गुहार लगाई। भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर का वध किया और उस दिन को पृथ्वीवासियों को नरक के भय से मुक्ति दिलाने के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन को 'नरक चतुर्दशी' कहा गया, क्योंकि भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर संसार को मुक्त किया।
छोटी दीपावली का महत्व
नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन घरों में दीप जलाए जाते हैं और लोगों का विश्वास है कि इससे उनके घरों में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह दिन दीपों के त्योहार दीपावली की पूर्व संध्या के रूप में मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन की शुरुआत उबटन और स्नान से होती है, जिससे शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है।
नरक चतुर्दशी पर पूजा विधि
नरक चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर उबटन से स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। इसके बाद घर में दीप जलाना और भगवान कृष्ण, यमराज और हनुमान जी की पूजा करना चाहिए। इस दिन यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति
नरक चतुर्दशी पर किया गया दीपदान और पूजा-अर्चना परिवार के लिए सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन दीप जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत दर्ज की थी। यह त्योहार दीपों का त्योहार है, जो घरों में सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। नरक चतुर्दशी पर स्नान, उबटन और दीप जलाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।