नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है, जानिए देवी कात्यायनी की पूजा कैसे की विधि
1 October 2024, नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन एक विशेष देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन की देवी कात्यायनी हैं, जो शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं। उनका जन्म ऋषि कात्यायन की तपस्या के फलस्वरूप हुआ था, इसी कारण उन्हें कात्यायनी कहा जाता है। देवी कात्यायनी की पूजा से शत्रुओं का नाश होता है और भक्तों को मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है।
देवी कात्यायनी का वाहन सिंह है, जो उनकी अपार शक्ति का प्रतीक है। वह चार भुजाओं वाली देवी हैं, जो अपने हाथों में तलवार, कमल, और आशीर्वाद मुद्रा धारण करती हैं। उनकी पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
देवी कात्यायनी की पूजा विधि
स्नान और स्वच्छ वस्त्र:
प्रातः काल स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
घी का दीपक जलाएं:
देवी कात्यायनी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें पुष्प अर्पित करें।
कमल या गुलाब के फूल अर्पित करें:
देवी को कमल या गुलाब के फूल अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इन फूलों से उनकी पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
नारियल और फल अर्पण करें:
देवी कात्यायनी को नारियल और मौसमी फल अर्पित करें। यह प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के बाद भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कात्यायनी मंत्र का जाप करें:
पूजा के दौरान देवी के इस मंत्र का जाप करें:
"ॐ देवी कात्यायन्यै नमः"
इस मंत्र के जाप से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
भोग अर्पण:
देवी को हलवा, पूड़ी, या पंचमेवा का भोग अर्पित करें। भोग के बाद प्रसाद को सभी में वितरित करें।
देवी कात्यायनी की पूजा से लाभ
साहस और शक्ति में वृद्धि:
देवी कात्यायनी की पूजा करने से साहस और शक्ति में वृद्धि होती है। वे अपने भक्तों को कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देती हैं।
शत्रु नाश:
देवी की पूजा से शत्रुओं का नाश होता है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
रोगों से मुक्ति:
देवी कात्यायनी की कृपा से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
मन की शांति और संतुलन:
देवी की आराधना से मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन बना रहता है।
संतान प्राप्ति का आशीर्वाद:
देवी कात्यायनी की पूजा से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है, इसलिए उनके भक्त विशेष रूप से यह पूजा करते हैं।