पेट को ठंडक देगा यह शरबत, गर्मी मे जरूर पिये
सौंफ एक ऐसा मसाला है जो भारतीय रसोई में व्यापक रूप से प्रयोग होता है। यह मसाला न केवल खाने की विविधता को बढ़ाता है, बल्कि इसके स्वाद और औषधीय गुणों से भी लोग प्रभावित होते हैं। सौंफ को इंग्लिश में "Fennel" के नाम से भी जाना जाता है। सौंफ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए ये आपके पेट को ठंडा रखती है।
भारतीय रसोई में सौंफ का विभिन्न रूपों में उपयोग होता है। यह अकेले या मसालों के मिश्रण में दूसरे घटक के रूप में शामिल किया जा सकता है। सौंफ की बीजों को सूखाकर पीसकर पाउडर बनाया जाता है और यह पाउडर मसाला, मिठाई और अन्य पकवानों में उपयोग होता है। सौंफ का बीज तेल में तलकर उससे तैयार किया गया तेल भी विशेष स्वाद और गंध प्रदान करता है।
सौंफ के स्वाद को ही नहीं, इसके औषधीय गुणों को भी मान्यता मिलती है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और अपच के लिए राहत प्रदान करता है। सौंफ का उपयोग भूख और अपाच की समस्याओं को कम करेता है, जो खाने के पचन को सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, सौंफ में पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाता है, मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, चिंता और तनाव को कम करता है और समय से पहले बुढ़ापे के लक्षणों को रोकता है।
यदि हम सौंफ की ऐतिहासिक धारणा की बात करें, तो यह एक प्राचीन औषधीय पौधा माना जाता है। इसका उपयोग पुरानी सभ्यताओं में सौंफ के बीज, तना और पत्तों को औषधि के रूप में किया जाता था। आजकल भी, इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है।
अगर हम सौंफ के स्वाद की बात करें तो यह मीठा, ठंडा और थोड़ा-थोड़ा तीखा होता है। इसका व्यापक उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों में होता है। सौंफ की छोटी-छोटी दाने वाली बीजें खाने में स्वादिष्टता और गंध प्रदान करती हैं। यह खाने को रंगीन और आकर्षक बनाती है और भोजन का मजा दुगुना करती है। इसके अलावा, सौंफ का उपयोग रंगीन मसालेदार चटनी, ताजगी वाले सलाद, चाय, नमकीन और मिठाई में भी किया जाता है।
यदि आप सौंफ को अपने भोजन में शामिल करना चाहते हैं, तो आप इसे कच्चा या सूखा रूप में उपयोग कर सकते हैं। आप अपनी मसालेदार या मीठी चटनी में सौंफ का पाउडर डाल सकते हैं या ताजगी वाले सलाद में इसके बीज डाल सकते हैं। इसके साथ ही, आप गर्म पानी में सौंफ की पानी बनाकर पी सकते हैं जो आपके पाचन को सुधारने में मदद करेगी।
इसके अलावा, सौंफ को रात को सोते समय चबाने का एक पुराना रीति भी है जो पाचन को सुधारने और नींद को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। इसे एक मसाला के रूप में उपयोग करके आप अपने खाने को स्वादिष्ट और स्वस्थ बना सकते हैं। सौंफ भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका स्वाद, गंध और औषधीय गुण इसे एक आकर्षक और उपयोगी मसाला बनाते हैं। सौंफ का नियमित उपयोग आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और आपको स्वादिष्ट भोजन का आनंद दे सकता है।
पेट को ठंडा रखने के लिए शरबत बनाने की विधि
पेट को ठंडक देने के लिए सौंफ का ये शरबत बहुत उपयोगी साबित हुआ है। एसे सुबह खाली पेट पीना चाहिए। इसे बनाने के 3 तरीके सबसे फायदेमंद है जो हम यहा आपको बताएँगे। ये गर्मी मे पीना चाहिए।
1. पेट को ठंडक देने के लिए पहला तरीका आपको सोने से पहले 1 लीटर पानी को गरम करना है गरम होते है गॅस को बंद करले। और उसमे 3 चम्मच सौंफ डाले और ढक कर रखे। सुबह उठकर उसे पीले।
2. पेट को ठंडक देने के लिए दूसरा तरीका आपको सोने से पहले 1 लीटर पानी को उबालना है, उसमे 3 चम्मच सौंफ को डाले। और 5 मिनट तक उबले। फिर गॅस को बंद कारले। और ढक कर रखे फिर सुबह उठकर उसे पी ले।
3. पेट को ठंडक देने के लिए तीसरा तरीका आपको सोने से पहले रात को 1 ग्लास पानी मे 3 चम्मच सौंफ दल कर ढक कर रखले फिर सुबह उठकर उसे पी जाये। इससे भी आपके पेट को बहुत ठंडक मिलती है।
इन तरीके से सौंफ पीने से आपके पेट की सारी समस्याए भी दूर हो जाती है। और पेट की गॅस, एसिडिटि भी दूर होती है। कब की संसयाओ से भी राहत मिलती है। पेट को ठंडक देने के लिए सौंफ को इस तरह से जरूर पिये।
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