पोर्ट ब्लेयर का नया नाम श्री विजय पुरम: पीएम मोदी ने किया वीरों का सम्मान
14 September 2024, 'श्री विजय पुरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर 'श्री विजय पुरम' रख दिया है। यह निर्णय 14 सितंबर 2024 को किया गया, जिससे द्वीप के समृद्ध इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान को सम्मानित किया गया। यह कदम वीरता, स्वतंत्रता और भारत की विजय की भावना को उजागर करता है।
पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने का कारण
पोर्ट ब्लेयर, जो कभी ब्रिटिश शासन के दौरान एक प्रमुख जेल (सेलुलर जेल) के रूप में जाना जाता था, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का गवाह रहा है। यहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी जान की बाजी लगाई। नाम बदलने का यह कदम भारत के उन नायकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उठाया गया है जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। 'श्री विजय पुरम' नाम, भारत की विजय और वीरों की शौर्यगाथा को दर्शाता है।
श्री विजय पुरम नाम का महत्व
‘श्री विजय पुरम’ नाम भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से जुड़ा हुआ है। यह नाम उस समय की याद दिलाता है जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानी अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे। पीएम मोदी ने इस नाम को इसलिए चुना ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास को याद रखें और उन महान योद्धाओं के प्रति गर्व महसूस करें जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
सेलुलर जेल और वीरों का योगदान
पोर्ट ब्लेयर की पहचान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यहां स्थित ‘सेलुलर जेल’ है। इसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता था, जहां अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कठोर सजा के लिए कैद किया था। वीर सावरकर जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी इस जेल में कैद थे। इस नाम परिवर्तन के साथ, सरकार ने उन सभी वीरों का सम्मान किया है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता प्राप्त की।
पीएम मोदी का वक्तव्य
नाम बदलने की घोषणा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "श्री विजय पुरम केवल एक नाम नहीं है, यह उन वीरों का सम्मान है जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। यह स्थान केवल एक द्वीप नहीं, बल्कि हमारी आजादी की अमूल्य धरोहर है।" पीएम मोदी के इस फैसले से राष्ट्रभक्ति और वीरों के प्रति सम्मान की भावना और भी प्रबल हो गई है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का ऐतिहासिक महत्व
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। यहां की जमीन ने कई वीरों के बलिदान को देखा है। पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम रखना इस इतिहास को सजीव करता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।
श्री विजय पुरम की यात्रा और पर्यटन
अब जब पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम रखा गया है, यह स्थान न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण भी पर्यटकों के बीच और भी लोकप्रिय हो जाएगा। यहां का सेलुलर जेल संग्रहालय, रॉस आइलैंड, मरीन नेशनल पार्क, और अन्य पर्यटक स्थल, इस शहर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम करना न केवल एक प्रशासनिक बदलाव है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को समर्पित एक सशक्त कदम है। यह नाम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और उन्हें हमारे महान इतिहास की याद दिलाएगा।
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