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Health Tips: ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए 5 योगासन और उसे करने के नियम हिन्दी मे।
Health Tips / 2023/08/10

ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए योगासन (Yoga for healthy Heart)

हृदय के स्वास्थ्य के लिए कुछ प्रमुख योग आसन होते हैं जो दिल की बीमारियों को कम करने, हृदय को मजबूत करने, और दिल के प्रति समयोजन और शांति को बढ़ाने में मदद करते हैं। यहां कुछ प्रमुख योग आसन दिए गए हैं:

  1. भुजंगासन (कोबरा पोज़)
  2. सेतु बंधासन (सेतुबन्धासन)
  3. उत्तानासन
  4. त्रिकोणासन
  5. वृक्षासन

प्रत्येक आसन को सही तरीके से करने के लिए अभ्यास करना महत्वपूर्ण है। ध्यान दें कि कभी भी नए योग अभ्यास शुरू करने से पहले एक योग गुरु या योग शिक्षक की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, अगर आपके हृदय संबंधी कोई भी गंभीर समस्या है तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है।
ध्यान रहे कि योग के अलावा, एक स्वस्थ और संतुलित आहार का पालन करना, नियमित व्यायाम करना, स्ट्रेस को कम करने का प्रयास करना और नशा-मुक्ति पर ध्यान देना भी हृदय के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

1. भुजंगासन
भुजंगासन एक प्राकृतिक पृष्ठासन (backbend) है जो हृदय क्षेत्र, पीठ, और पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है। यह योग आसन अधिकतर आध्यात्मिक अभ्यास में भी उपयोगी होता है। नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से भुजंगासन का अभ्यास करें:

स्टेप 1: स्टार्टिंग पोज़िशन (शिशु आसन)
अपने योग मैट पर बैठें और पैर जमीन पर घुटनों से मिलाएं। हाथों को आराम से साइड पर रखें और साँस धीरे से बाहर छोड़ें। धीरे से सांस लेते हुए शिशु आसन में जाएं।

स्टेप 2: भुजंगासन का प्रारंभ
शिशु आसन से अपने पेट पर लेट जाएं। पैरों की जांघें और पाँवों के मुड़े हुए भाग को मैट पर रखें। पैरों के पंजे और टोंटियों को मैट से संपर्क में रखें।

स्टेप 3: उपविष्ट करें
पैरों के पंजे को और पिछवाड़े को मैट पर टिकाएं। इसके बाद, हथेली से अपने सीने के नीचे स्थित निम्न भाग को बढ़ाएं और अपने ऊपर के भाग को मैट से उपर उठाएं। यहां तक कि सीने को भी मैट से अलग कर लें।

स्टेप 4: भुजंगासन में पकड़
अपने हाथों को सीधे बढ़ाएं और अपने हाथेलियों को मैट पर रखें। हाथेलियाँ तो सम्पूर्ण तन मैट से संपर्क में होनी चाहिए। हथेलियों को फिर से उपर की ओर उठाएं और धीरे से आराम से अपने शरीर को ऊपर की ओर झुकाएं। यह अपने सीने की उंचाई पर आपके हथेलियों को भी संपर्क में लाने तक करें।

स्टेप 5: स्थिति में रहें
यहां ध्यान रखें कि अपने पैरों को या पिछवाड़े को मैट से उठाएं नहीं। शरीर को सम्पूर्ण तन मैट पर समर्पित रखें। इस स्थिति में 15 सेकंड से 30 सेकंड तक रहें और धीरे से नीचे आ जाएं।

स्टेप 6: विश्राम करें
अपने पेट पर लेट जाएं और धीरे से सांस छोड़ें। आराम से शवासन (शव पोज़) में विश्राम करें।

भुजंगासन के लाभ:

हृदय के स्वास्थ्य को सुधारता है।
पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
पेट और पेट के आस-पास की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है।
धरण और ध्यान की क्षमता को बढ़ाता है।
स्पाइनल कोर को मजबूत करता है और बैक पेन को कम करता है।
ध्यान दें कि यदि आपको किसी भी समय दर्द, छोटी चोट, या दिक्कत हो तो तुरंत व्यायाम छोड़ दें और एक योग गुरु की सलाह लें। हमेशा धीरे से और सावधानीपूर्वक योग करें और अभ्यास को धीरे से बढ़ाएं।

2. सेतु बंधासन 
सेतु बंधासन (Setu Bandhasana) एक प्रकरण योग आसन है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को स्ट्रेच करने में मदद करता है। यह पृष्ठासन है जिसमें पेट, पीठ, और पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच किया जाता है। नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से सेतु बंधासन का अभ्यास करें:

स्टेप 1: स्टार्टिंग पोज़िशन (शवासन)
अपने योग मैट पर सीधे लेट जाएं। आपके पैर बाहर की ओर जाएंगे और हाथ सीधे जांघों के पास रखें। शवासन में धीरे से सांस लें और आराम से धीरे से सांस छोड़ें।

स्टेप 2: पैर और घुटने के पास हाथ रखें
आपके पैर और घुटनों के पास हाथ रखें और हाथ की अंगुलियों से अपने पैरों की ओर इशारा करें।

स्टेप 3: शुरुआतिक रूप से ऊपर की ओर उठें
अपने पैरों को और घुटनों को जमीन से उठाते हुए अपने पैरों की ओर ऊपर की ओर ध्यान दें। साथ ही आपके पीठ को भी मध्यम चारणों से जमीन से ऊपर की ओर उठाएं।

स्टेप 4: सेतु बंधासन के लाभ
आपका शरीर अब या तो सीधा रहेगा या एक स्थिति में होगा। धीरे से सांस छोड़ें और इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें।

स्टेप 5: विश्राम करें
सेतु बंधासन के अभ्यास को पूरा करने के बाद, पैर और घुटनों के पास हाथ को हटाएं और शवासन में विश्राम करें।

सेतु बंधासन के लाभ:

पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है।
पैरों की मांसपेशियों को भी स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है।
पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
श्वास और ध्यान की क्षमता को बढ़ाता है।
पेशाब और गर्भाशय से संबंधित समस्याओं को कम करता है।
ध्यान दें कि अगर आपको किसी भी समय दर्द, छोटी चोट, या दिक्कत हो तो तुरंत व्यायाम छोड़ दें और एक योग गुरु की सलाह लें। हमेशा धीरे से और सावधानीपूर्वक योग करें और अभ्यास को धीरे से बढ़ाएं।

3. उत्तानासन 
उत्तानासन (Uttanasana) एक शांति पूर्ण योग आसन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करने में मदद करता है। इस आसन में शरीर को बढ़ावा देते हुए आप पैरों और पैरों के मांसपेशियों को स्ट्रेच करते हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से उत्तानासन का अभ्यास करें:

स्टेप 1: स्टार्टिंग पोज़िशन (ताड़ासन)
अपने योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। पैर एक दूसरे के पास हों और हाथों को सीधे उपर की ओर बढ़ाएं। अपने हाथों को आराम से साइड पर रखें।

स्टेप 2: ऊपर की ओर झुकें
सांस छोड़ते हुए, धीरे से अपने ऊपर के भाग को आगे झुकाएं। ध्यान दें कि आपके घुटने थोड़े सीधे हों और आपके पैरों के टोंटी और पैरों के मध्यम चारणों को मैट से संपर्क में रखें।

स्टेप 3: नाभि के पास हाथ रखें
आपके हाथों को सीधे आगे की ओर बढ़ाएं और उन्हें अपनी नाभि के पास रखें। आपके हथेलियों को भूमि से संपर्क में रखें और देह को स्वत: से आगे की ओर झुकाएं।

स्टेप 4: ऊपर की ओर झुके
धीरे से और आराम से अपने ऊपर के भाग को और आगे की ओर झुकाएं। हाथों को भी आगे की ओर बढ़ाएं। आपके नाभि के पास ही हाथ रहेंगे और हाथेलियाँ भूमि से संपर्क में रहेंगी।

स्टेप 5: स्थिति में रहें
आपके शरीर को आगे की ओर झुकते रहें। यहां ध्यान रखें कि आपके घुटने ना टिकें और ना ही अधिक झुकें। आपको उच्चतम स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहना है।

स्टेप 6: विश्राम करें
अपने हाथों को धीरे से वापसी में ले जाएं और धीरे से अपने शरीर को सीधा करें। ध्यान दें कि आप विश्राम करने के लिए आराम से खड़े हो जाएं और शवासन में विश्राम करें।

उत्तानासन के लाभ:

पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है।
पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
साइटिका नर्व को शांत करता है और पीठ दर्द को कम करता है।
मानसिक चिंता और तनाव को कम करता है।
पाचन क्रिया को सुधारता है।
ध्यान दें कि यदि आपको किसी भी समय दर्द, छोटी चोट, या दिक्कत हो तो तुरंत व्यायाम छोड़ दें और एक योग गुरु की सलाह लें। हमेशा धीरे से और सावधानीपूर्वक योग करें और अभ्यास को धीरे से बढ़ाएं।

4. त्रिकोणासन 
त्रिकोणासन (Trikonasana) एक प्रकरण योग आसन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करने में मदद करता है। इस आसन में, आपके पैर और पैरों के मांसपेशियों को स्ट्रेच किया जाता है और आपके पूरे शरीर को समता की स्थिति में रखा जाता है। नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से त्रिकोणासन का अभ्यास करें:

स्टेप 1: स्टार्टिंग पोज़िशन (ताड़ासन)
अपने योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। पैर एक दूसरे के पास हों और हाथों को सीधे उपर की ओर बढ़ाएं। अपने हाथों को आराम से साइड पर रखें।

स्टेप 2: पैर बढ़ाएं
अपने पैरों को बढ़ाएं और आपस में थोड़ी दूरी रखें। दाहिने पैर को 90 डिग्री कोण में बढ़ाएं और बाएं पैर को थोड़ा बाहरी दिशा में मोड़ें।

स्टेप 3: शरीर को झुकाएं
ध्यान रखते हुए, अपने ऊपर के भाग को दाहिने ओर झुकाएं। आपके दाहिने पैर का टोंटी और पैर का मध्यम चारण मैट से संपर्क में रहेगा। आपके बाएं हाथ को भी दाहिने कान के पास लाएं और शरीर को स्वत:से समता में रखें।

स्टेप 4: स्थिति में रहें
आपके शरीर को धीरे से दाहिने ओर झुकाएं। यहां ध्यान रखें कि आपके दाहिने हाथ को धीरे से अपने दाहिने कान के पास ले जाएं। आपको उच्चतम स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहना है।

स्टेप 5: विश्राम करें
स्थिति में रहते हुए धीरे से अपने शरीर को सीधा करें और धीरे से खड़े हो जाएं। अपने हाथों को धीरे से वापसी में ले जाएं और शवासन में विश्राम करें।

त्रिकोणासन के लाभ:

पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है।
बढ़ती हुई पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
कमर और पीठ को मजबूत बनाता है।
साइटिका नर्व को शांत करता है और पीठ दर्द को कम करता है।
पाचन क्रिया को सुधारता है।
ध्यान दें कि यदि आपको किसी भी समय दर्द, छोटी चोट, या दिक्कत हो तो तुरंत व्यायाम छोड़ दें और एक योग गुरु की सलाह लें। हमेशा धीरे से और सावधानीपूर्वक योग करें और अभ्यास को धीरे से बढ़ाएं।

5. वृक्षासन
वृक्षासन (Vrikshasana) एक योग आसन है, जो ध्यान, स्थिरता, और शारीरिक संतुलन को विकसित करने में मदद करता है। यह आसन वृक्ष के समान स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है। नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से वृक्षासन का अभ्यास करें:

स्टेप 1: स्टार्टिंग पोज़िशन (ताड़ासन)
अपने योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। पैर एक दूसरे के पास हों और हाथों को सीधे उपर की ओर बढ़ाएं। अपने हाथों को आराम से साइड पर रखें।

स्टेप 2: वृक्षासन के लिए पाद पोषण
अपने दाहिने पैर की टोंटी को बाएं जांघ के ऊपर रखें और उसे ठीक समानता में खड़े पैर के ऊपर स्थानांतरित करें। पांव आसन की तलवें अब जमीन पर संपर्क में नहीं होंगी।

स्टेप 3: स्थिरता के लिए ध्यान केंद्र
आँखें तत्काल वृक्षासन में ध्यान केंद्र के सामने रखें। यह ध्यान केंद्र आपकी स्थिरता को बढ़ाने में मदद करेगा।

स्टेप 4: हस्तासन की स्थिति
अपने दाहिने पैर की टोंटी को बाएं जांघ के ऊपर रखते हुए, आपके हाथ को आराम से सिर के ऊपर उठाएं। पूरे शरीर को अब स्थिर बनाएं और ध्यान रखें कि आपके पैर का मध्यम चारण और दाहिने पैर की टोंटी मैट से संपर्क में रहेगी।

स्टेप 5: धीरे से सांस छोड़ें
धीरे से सांस छोड़ें और इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें। यह आपकी स्थिरता को बढ़ाएगा और ध्यान को एकाग्र करेगा।

स्टेप 6: विश्राम करें
वृक्षासन के अभ्यास को पूरा करने के बाद, धीरे से अपने हाथ को साइड पर ले जाएं और शवासन (शव पोज़) में विश्राम करें।

वृक्षासन के लाभ:

पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है।
पैर की नसों को मजबूत करता है और संतुलन को बढ़ाता है।
मस्तिष्क को शांत करता है और ध्यान की क्षमता को सुधारता है।
वजन कम करने में मदद करता है और शरीर को ढंकता है।
ध्यान दें कि यदि आपको किसी भी समय दर्द, छोटी चोट, या दिक्कत हो तो तुरंत व्यायाम छोड़ दें और एक योग गुरु की सलाह लें। हमेशा धीरे से और सावधानीपूर्वक योग करें और अभ्यास को धीरे से बढ़ाएं।


Frequently Asked Questions

स्वस्थ दिल के लिए कोनसे योगासन करने चाहिए?
स्वस्थ दिल के लिए भुजंगासन (कोबरा पोज़) सेतु बंधासन (सेतुबन्धासन) उत्तानासन त्रिकोणासन वृक्षासन करने चाहिए।
भुजंगासन करने से क्या लाभ मिलता है?
हृदय के स्वास्थ्य को सुधारता है। पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पेट और पेट के आस-पास की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है। धरण और ध्यान की क्षमता को बढ़ाता है। स्पाइनल कोर को मजबूत करता है
वृक्षासन करने से क्या लाभ मिलता है?
पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है। पैर की नसों को मजबूत करता है और संतुलन को बढ़ाता है। मस्तिष्क को शांत करता है और ध्यान की क्षमता को सुधारता है। वजन कम करने में मदद कर
क्या स्वस्थ ह्रदय के लिए योग करना चाहिए?
हा योग से ह्रदय को स्वस्थ बनाया जा सकता है।
त्रिकोणासन करने से क्या लाभ मिलता है?
पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और मजबूत बनाता है। बढ़ती हुई पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। कमर और पीठ को मजबूत बनाता है। साइटिका नर्व को शांत करता है और पीठ दर्द को कम करता है

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